आम आदमी पार्टी ने 21 वें राज्य स्थापना दिवस, को संकल्प दिवस के तौर पर मनाया,शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने का लिया संकल्प,

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टनकपुर(चम्पावत)- 9 नवंबर को उत्तराखंड स्थापना दिवस के 20 साल पूरे होने के बाद भी,*शहीदों के सपनों का उत्तराखंड ना बन पाने को लेकर आम आदमी पार्टी ने पूरे प्रदेश में स्थापना दिवस को संकल्प दिवस के तौर पर मनाया संकल्प दिवस पर आप के सभी कार्यकर्ताओ ने शहीदों को श्रद्धांजलि देने के साथ,संकल्प लिया कि जब तक उत्तराखंड के शहीदों का उत्तराखंड ना बन जाए तब तक आप के सभी कार्यकर्ता इसे संकल्प दिवस के तौर पर मनाएगे और शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए प्रयास करते रहेंगे।

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आप पार्टी की प्रवक्ता संगीता शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड राज्य शहीदों के बलिदान और आंदोलनकारियों के अथक प्रयास से मिला हुआ राज्य है। शहीदों के बलिदान को कभी, नहीं भुलाया जा सकता है। आज राज्य को बने पूरे 20 साल हो चुके हैं । लेकिन इन 20 सालों में भी ,शहीदों और आंदोलनकारियों का अलग राज्य, उत्तराखंड बनाने का सपना आज तक अधूरा है। जिसकी वजह से पिछले 20 सालों से आंदोलनकारी सड़कों पर, अपनी मांगो को लेकर प्रदर्शन करते आए हैं, लेकिन बीजेपी कांग्रेस बारी बारी, सत्ता में आई लेकिन, आंदोलनकारियों की सुध लेने का जज्बा, किसी भी सरकार में नहीं दिखा। यही वजह है कि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड ना बन पाने के चलते, और आंदोलनकारियों के सड़कों पर प्रदर्शन को देखते हुए, आहत हुए आप कार्यकर्ताओं ने इसे संकल्प दिवस, के तौर पर मनाया । स्थापना दिवस पर ,आप कार्यकर्ताओ ने एकजुट होकर संकल्प लिया कि शहीदों के सपनों के उत्तराखंड को बनाने के लिए वो तब तक प्रयास करते रहेंगे जब तक उनके सपनों का उत्तराखंड ना बन जाए।

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वही आप प्रवक्ता शर्मा ने कहा कि आम आदमी पार्टी का हर कार्यकर्ता, आंदोलनकारियों और शहीदों की शहादत, को नमन करता है। प्रदेश में इन 20 सालों में, सरकारें आई और चली गई, लेकिन किसी भी सरकार ने राज्य के हित, और विकास पर ध्यान नहीं दिया है। रामपुर तिराहा कांड, खटीमा कांड, मसूरी कांड समेत ऐसी कई घटनाएं हैं जो, राज्य निर्माण के 20 साल बाद भी, अपने आस्तित्व को तलाश रहे हैं। उत्तराखंड का सबसे बड़ा दुर्भाग्य, ये रहा कि सत्तासीन बैठे विकास की नीति बनाने वालों ने, कभी यहां की मूलभूत जरूरत और समस्याओं को लेकर ध्यान नहीं दिया। महज स्थापना दिवस के मौके पर प्रदेश की सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर, कार्यक्रमों का आयोजन जरूर करती लेकिन साल भर आंदोलनकारी जो सड़कों पर प्रदर्शन, कर रहे उनकी सुध नहीं लेती।

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इस अवसर पर भुवन चन्द्र पाण्डे,दीपक भट्ट दिनेश रावत, उजैर अंसारी ,गौरव शर्मा आदि ने उत्तराखंड के शहीदों को श्रदांजलि दे सपनो के उत्तराखंड निर्माण पर अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में नारायण गेंडा , बसन्तबल्लभ पुनेठा, आनन्द प्रकाश गुप्ता, अनिता,मीरा बोहरा,विनय,ललित मोहन जोशी,दीपक विश्वकर्मा, स्रवण सिंह , बाबू सिंह, वीरेंद्र रावत, हरि राम , दुर्गा प्रसाद आदि उपस्थित रहे।

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