खटीमा के वरिष्ट साहित्यकार डॉ राज सक्सेना की पुस्तक मृगमरीचिका का हुआ लोकार्पण, लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर खटीमा के कवियों की बही काव्य रसधार

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खटीमा(उत्तराखण्ड)- खटीमा के साहित्यकारों की उपस्थिति शुक्रवार की शाम को
हरफन मौला साहित्यकार डॉ राज सक्सेना’ के राजनैतिक, सामाजिक और धार्मिक
समसामयिक विश्लेषणों के समुच्चय ‘मृगमरीचिका’ का लोकार्पण उनके निवास
हनुमान मन्दिर, पीलीभीत रोड खटीमा में हुआ।देर शाम तक चले गरिमामय सादे
कार्यक्रम में काव्य गोष्टी का भी आयोजन हुआ जिसमे खटीमा जे सभी प्रमुख कवियों ने शिरकत की।

पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में साहित्यकारों ने डॉ राज सक्सेना जी को उनकी पुस्तक विमोचन की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्र के नामचीन कवि/साहित्यकार/चिकित्सक डा.
चंद्रशेखर जोशी ने की। मुख्य अतिथि के रूप में दोहा सम्राट और क्षेत्र के
द्रोणाचार्य कवि डा. रूपचन्द्र शास्त्री की उपस्थिति से कार्यक्रम को
गरिमा मिली। डा. शास्त्री, डा. जोशी और संचालक डा. महेंद्र प्रताप
पाण्डेय नन्द ने विस्तृत रूप से ‘मृगमरीचिका’ विवेचना करते हुए राज
सक्सेना को उनके गहन, सारगर्भित और अंतर तक को छू लेने वाले लेखन की
प्रशंसा करते हुए गद्य पर उनकी भाषा शैली, शब्दों के चयन और समस्या की
सटीक व्याख्या के साथ विषय पर अप्रतिम पकड़ की विशिष्ट समालोचना की।

लोकार्पण के बाद हुए कवि महाकुंभ में हेमा जोशी और साथियों ने कुमाउंनी
में सरस्वती वन्दना कर वाहवाही लूटी। डा. महेंद्र प्रताप पाण्डेय ‘नंद’
के सरस और कुशल संचालन में सम्पन्न हुए कवि सम्मेलन में दया भट्ट, बसंती
सामंत, हेमा जोशी परु, तुलसी बिष्ट, डा. जगदीश चन्द्र ‘कुमुद’, रामरतन
यादव, रावेन्द्र कुमार रवि, कैलाश पाण्डेय, दीपक फुलेरा, त्रिलोचन जोशी,
शान्ति सिंह, राधा तिवारी राधे गोपाल, शुचिता अजय श्रीवास्तव, डा. नीलम
पाण्डेय, नूरेनिशाँ और शायरा शहाना कुरैशी ने अपनी कविताओं और गजलों से
समाँ बाँधा और तालियाँ बटोरीं।

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दोहा सम्राट डा. रूप शास्त्री ने अपनी
दोहों से श्रोताओं के अंतर्मन को छुआ तो डा. चंद्रशेखर जोशी ने कार्यक्रम में मौजूद कवियों को अपने शानदार काव्य प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध किया।पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में केवल साहित्यकारों की सहभागिता रखी गयी थी और एक नई परम्परा ‘घर पर कवि
कुम्भ’ का श्री गणेश किया गया।

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डॉ राज सक्सेना द्वारा पूर्व में भी भी कई काव्य संग्रह व साहित्य उत्थान को लेकर पुस्तको का लेखन किया गया है।वही एक फिर उन्होंने अपने शानदार लेखनी से मृगमरीचिका पुस्तक में राजनीतिक,सामाजिक धार्मिक विभिन्न विषयों पर शानदार लेखन कर एक शानदार पुस्तक साहित्य जगत के सम्मुख प्रस्तुत की है।पुस्तक लोकार्पण में कार्यक्रम पहुँचे समस्त कवियों व साहित्यकारो ने डॉ राज सक्सेना के एक बार फिर बेहतरीन लेखन की भूरी भूरी प्रसंशा की।कार्यक्रम के अंत में डॉ राज सक्सेना की सुपुत्री नमिता श्रीवास्तव ने कार्यकम में पहुचे सभी कवि व साहित्यकारों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

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पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम की कुछ झलकियां

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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