मानव तस्करी रोकथाम में बनबसा SSB की मानव तस्करी निरोधक दस्ते को मिली बड़ी सफलता, कुवैत ले जाई जा रही पांच नेपाली युवतियों को बॉर्डर पर पकड़ा, नेपाल की सामाजिक संस्था व नेपाल पुलिस के किया सपुर्द,

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बनबसा(चम्पावत)- चम्पावत जिले के बनबसा बॉर्डर पर एसएसबी के मानव तस्करी निरोधक दस्ते की टीम को बनबसा बॉर्डर के रास्ते कुवैत ले जाई जा रही पांच नेपाली लड़कियों को पकड़ने में सफलता हाथ लगी है। तीन जनवरी को सुबह लगभग 11:00 बजे एसएसबी की बनबसा चेक पोस्ट पर नेपाल से दिल्ली जा रही पांच युवतीयां जो कि धबराई सी दिख रही थीं।उन्हें रोककर पूछताछ करने पर मानव तस्करी का सारा मामला खुल कर सामने आया है।

बनबसा एस एस बी के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग दस्ते द्वारा संदेह होने पर नेपाल से भारत के दिल्ली जा रही युवतियों से जब पूछताछ की गई पूछताछ में नेपाली युवतियों के बयान में विरोधाभास होने के कारण बयान से संतुष्ट न होने पर एसएसबी की एंट्री हयूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को यह लगा कि मामला मानव तस्करी का हो सकता है।जिस पर एसएसबी द्वारा तुरंत नेपाल की सामाजिक संस्था शांति पुनर्वास स्थापना गृह गड्ढ़ा चौकी कंचनपुर को सूचित किया गया। एसएसबी की सूचना पर मौके पर नेपाल कि सामाजिक संस्था शांति पुनर्वास स्थापना गृह व नेपाल पुलिस के कर्मचारी पहुंचे।

वही नेपाल की युवतियों से शांति पुनर्वास स्थापना गृह नेपाल ,नेपाल पुलिस व एसएसबी की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट बनबसा ने बारी-बारी से पूछताछ की पूछताछ के क्रम में एक युवती ने नेपाल से दिल्ली तथा बाद में दिल्ली से कुवैत जाने की बात स्वीकारी पांचों युवतियों ने अपनी पहचान रोशनी धिमिरे , पुत्री तेज बहादुर घिमिरे उम्र 28 वर्ष, रोजीना धिमीरे पुत्री तेज बहादुर घिमिरे उम्र 23 वर्ष,मात्रिका देवी घिमिरे उम्र 18 वर्ष, दीपा मिस्त्री पुत्री निताई मिस्त्री उम्र 27 जिला- झापा, सुनीता सयागतान पुत्री प्रवीन स्यागतान उम्र 21 वर्ष जिला मकवानपुर नेपाल बताया युवतियों के पास से 3 नेपाली नागरिकता का प्रमाण पत्र एक इंडियन आधार कार्ड और एक हाथ से लिखा हुआ जन्म प्रमाण पत्र तथा नेपाल के दो पासपोर्ट जिसमें से एक रोशनी नाम की युवती जो कि अन्य चारों को ले जा रही थी वह 2 वर्ष पहले सऊदी अरब की यात्रा कर चुकी थी उसके पासपोर्ट पर सऊदी अरब का वीजा लगा हुआ था।

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एसएसबी द्वारा आवश्यक कार्यवाही के बाद अग्रिम कार्यवाही हेतु पांचों नेपाली युवतियों को सकुशल नेपाल पुलिस व सामाजिक संस्था शांति पुनर्वास सपना गृह के सपुर्द कर दिया गया है। वही संयुक्त जांच में नेपाल की एक युवती का नेपाली नागरिकता कार्ड भी फर्जी प्रतीत होता पाया गया है।इस पूरी कार्यवाही में एस एस बी बनबसा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के उप निरीक्षक नवीन कुमारी ,मुख्य आरक्षी गौरी शंकर राठौर, मुख्य आरक्षी नसीब चंद के अलावा शांति पुनर्वास स्थापना गृह नेपाल की टीम में सनजीत सिंह, कैलाशो राना तथा नेपाल प्रहरी की टीम में रमेश नाथ, मकर खड़का आदि मौजूद रहे।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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