चार्टर्ड एकाउंटेंट नारायन चंद ने लंबी पैरवी के बाद उधम सिंह नगर दुग्ध उत्पादक संघ के इनकम टैक्स विभाग द्वारा टैक्स के रूप में जप्त किए 65 लाख रुपये कराए वापिस,बेहतरीन कार्य हेतु डेयरी चेयरमैन अर्जुन रौतेला ने किया सम्मानित


खटीमा(उत्तराखण्ड)- उधम सिंह नगर दुग्ध उत्पादक संघ के वर्ष 2011-12 वित्तीय वर्ष के टैक्स के रूप में आयकर विभाग अधिकारी रुद्रपुर द्वारा खाते को सीज कर टेक्स के रूप में लगभग 65 लाख रुपये जब्त किए गए थे।जिसमें अब आयकर कोर्ट में लंबी पैरवी के बाद डेयरी फेडरेशन को आयकर विभाग से बड़ी राहत मिली है।उधम सिंह नगर दुग्ध उत्पादक संघ के


इस निर्णय के बाद डेयरी फेडरेशन उधम सिंह नगर में ख़ुसी का माहौल है।वही उधम सिंह नगर दुग्ध उत्पादक संघ के चेयरमैन अर्जुन रौतेला ने डेयरी फेडरेशन के चार्टर्ड एकाउंटेंट नारायण चंद व उनके लीगल ट्रेनीज मानसी जोशी को उनके बेहतरीन कार्य की प्रशंसा कर उन्हें प्रस्सति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।इस अवसर पर मीडिया से रूबरू होते हुए उधम सिंह नगर डेयरी संघ के चेयरमैन अर्जुन रौतेला ने कहा है कि इतिहास में पहली बार हुआ है कि इनकम टैक्स विभाग ने संस्था के जप्त लगभग 65 लाख रुपयों को रिलीज किया है।इस कार्य मे मै0 नारायण चंद एंड एसोसिएट की टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।सीए नारायण चंद ने अपनी टीम के साथ मिलकर 2019 में इस केस को अपने हाथ मे ले 1530 दिन के बाद इस मामले को एक्सेप्ट करवा 22 सितंबर को फैसला सुना दिया।जिसमे उधम सिंह नगर डेयरी फेडरेशन को लगभग 64 लाख 90 हजार रुपये वापस करवाये है।इस बेहतरीन कार्य हेतु डेरी के द्वारा सीए नारायण चंद व उनकी लीगल ट्रेनीज मानसी चंद को प्रस्सति पत्र देकर सम्मानित किया है।

जबकि उधम सिंह नगर दुग्ध उत्पादक संघ के चार्टेड एकाउंटेंट नारायण चंद ने बताया कि लंबी पैरवी के बाद आखिर विभाग के 65 लाख रुपये डेरी संस्था को आटीएटी देहरादून व दिल्ली बेंच ने 22 सितंबर को आदेश जारी कर दिए है।साथ ही वह जल्द ही इस राशि के ब्याज हेतु भी आयकर विभाग पत्र जारी करेंगे।उनका पूरा प्रयास रहेगा कि किसानों की गाढ़ी कमाई का एक-एक रुपया व उधम सिह नगर दुग्ध उत्पादक संघ को वापस दिलवा पाए।

इस अवसर पर उधम सिंह नगर दुग्ध उत्पादक संघ के चेयरमैन अर्जुन रौतेला,प्रधान प्रबंधक उधम सिंह नगर डेरी संजय डिमरी,छत्तर सिंह,देवेंद्र भट्ट,एकाउंटेंट हरीश चंद पांडे,सीए नारायण चंद,मानसी जोशी आदि लोग मौजूद रहे।
