कृषि बिल किसान विरोधी व हिटलरशाही तरीके से लाया गया अध्यादेश- हरीश पनेरू

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किच्छा (उधम सिंह नगर)- केंद्र सरकार के कृषि बिल को लेकर कांग्रेस लगातार देश भर में केंद्र सरकार के खिलाफ हमलावर है।उत्तराखण्ड कांग्रेस के प्रदेश कांग्रेस महामंत्री हरीश पनेरू ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से एक बार फिर केंद्र के कृषि बिल पर हमला बोला है। पनेरू ने मोदी सरकार के किसान बिल के विरोध में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी केंद्र की सरकार किसान विरोधी है तथा हिटलरशाही तरीक़े से अध्यादेश लाकर क़ानून बनाने का काम कर रही है।

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कांग्रेसी नेता हरीश पनेरू ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत के उस बयान जिसमे उन्हीने विपक्ष के किसानों को गुमराह करने की बात कही है। उस पर पलटवार करते हुए कहा है कि आख़िर देश की जनता एवं किसान जानना चाहते हैं की केंद्र की मोदी सरकार की कौन सी मजबूरी थी तथा इतना महत्वपूर्ण क्या था की कोरोना काल लॉक डॉउन में 5 जून 2020 को जब पार्लियामेंट का सेशन नही था तब सरकार इस अध्यादेश को क्यों लायी? यह देश और किसान जानना चाहते हैं की कौन सी आफ़त आ गयी थी कि सरकार पिछले दरवाज़े से यह अध्यादेश लायी।

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वही पनेरू ने कहा कि पूरे देश में ढिंढोरा पीटने वाली मोदी सरकार जिसने ताली-थाली, नोटबंदी, जी॰एस॰टी, बालाकोट, आदि मामलों में ढिंढोरा पिटवाया, उस सरकार का किसान बिल पर बिना सवाल जवाब किए बिल पास करवाना हिटलरशाही नही तो और क्या है। जिस किसान के लिए क़ानून बनाने की बात हो रही है वह किसान उक्त बिल से खुश नही है। फिर सरकार ज़बरदस्ती क्यों थोपना चाहती है ?

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पनेरू ने कहा की किसान-किसान कहना बहुत आसान है लेकिन किसान के साथ खड़ा रहना बहुत मुश्किल है। किसान बहुत पहले से एम॰एस॰पी/ न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने का क़ानून बनाने की माँग कर रहे हैं। उसे क्यों नही किया जा रहा है? जिसका उदाहरण बिहार जैसे राज्य में ₹1760 में बिकने वाली मक्का की क़ीमत ₹850 से ₹900 में बेचने को मजबूर हैं। भाजपा सरकार द्वारा यह भी झूट फैलाया जा रहा है की किसान कही भी अपना अनाज बेच सकते हैं। यह पहले से व्यवस्था है तथा कही पर भी ऐसा नही लिखा है कि निश्चित जगह पर ही अपनी फसल को बेच सकेंगे। फिर ज़बरदस्ती ऐसा क्यों दिखाया जा रहा है।

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वही कांग्रेसी नेता हरीश पनेरू ने भाजपा सरकार पर आपदा क़ानून की आड़ में इस बिल से बहुत बड़े कारोबारियों को फ़ायदा देने का आरोप लगाया है। इस बिल में अनाज के अनलिमिटेड भंडारण करने का प्राविधान है तथा मंडी सिस्टम को खत्म करने का देश की भाजपा सरकार द्वारा प्रयास किया जा रहा है।किसान बिल पूर्ण रूप से किसान विरोधी व हिटलरशाही से देश के किसानों पर थोपा गया बिल है।

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