अराजकता: मिट्टी खनन माफियाओं का खटीमा तहसील क्षेत्र में नंगा नाच,अब अमृत सरोवर के नाम पर जेसीबी से खोद डाला तालाब,बड़ा सवाल आखिर खटीमा तहसील क्षेत्र के अधिकारी क्यों है खामोश

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खटीमा(उत्तराखंड)- उधम सिंह नगर जिले में अगर किसी तहसील में सबसे ज्यादा अवैध मिट्टी खनन हो रहा हो तो खटीमा तहसील उसमे नंबर वन है। मिट्टी खनन माफियाओं के आगे खटीमा तहसील क्षेत्र में पुलिस या हो या प्रशासन सभी नतमस्तक देखे जा रहे हैं।

खटीमा तहसील क्षेत्र की यूपी सीमा से लगे इलाके हो या विभिन्न ग्रामीण इलाके मिट्टी खनन माफिया बेखौफ होकर दिन हो या रात जमीन का सीना चीर अवैध मिट्टी खनन का खेल खेल रहे हैं। ताजे मामले में खटीमा के मुडेली इलाके में अमृत सरोवर के नाम पर खनन माफियाओं ने जेसीबी के माध्यम से 12से15फीट तक मिट्टी खोद डाली है।यह सारा गोरखधंधा बुधवार को दिन दहाड़े चलता रहा । सरेआम जेसीबी के माध्यम से मिट्टी खोद रहे खनन माफियाओं से पुलिस हो या प्रशासन या विकासखंड के अधिकारी किसी ने जहमत तक नहीं उठाई कि आखिर अमृत सरोवर के नाम पर परमिशन किस विभाग ने उनको दी है।

खटीमा के मुडेली इलाके में खनन माफियाओं द्वारा जेसीबी से किया गया अवैध खनन

मुडेली इलाके में अमृत सरोवर के नाम पर अवैध रूप से मिट्टी का खुदान कर रहे खनन माफियाओं को पुलिस हो या प्रशासन किसी का खोफ नजर नहीं आ रहा। जबकि खनन माफियाओं के द्वारा जेसीबी के माध्यम से गहरे गहरे गड्ढे खोदे जाने के बाद स्थानीय काश्तकारों को बरसात के सीजन में अपने जमीनों की मिट्टी के बहने का खतरा मंडराने लगा है।

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स्थानीय लोगों के अनुसार शिकायत के बावजूद भी प्रशासन इन खनन माफियाओं को रोकने को लेकर संजीदा नजर नहीं आ रहा। जबकि खटीमा के खंड विकास अधिकारी असित आनंद से पूछे जाने पर उनका साफ कहना है की अमृत सरोवर को खोदे जाने की किसी भी तरह की परमिशन अभी जिला प्रशासन के द्वारा नहीं दी गई है। लेकिन स्थानीय ग्रामीणों को झूठी परमिशन की बात कह अमृत सरोवर के नाम पर धड़ल्ले से मिट्टी खनन माफियाओं द्वारा किया जा रहा है। हम आपको बता दें कि इससे पूर्व भी खटीमा के खेतलसंडा खाम इलाके में सरकारी तालाब खुदाई की आड़ में मिट्टी खनन माफियाओं ने अवैध मिट्टी खनन को अंजाम दिया था।बेबाक उत्तराखण्ड में इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किए जाने के बाद जिलाधिकारी द्वारा उक्त मामले का संज्ञान ले उपजिकाधिकारी स्तर पर मिट्टी खनन की परमिशन जारी किए जाने पर रोक लगा दी थी। जिलाधिकारी के इस आदेश के बाद अब एक बार फिर स्थानीय स्तर पर मिलीभगत कर अमृत सरोवर योजना के नाम पर मिट्टी खनन माफिया अवैध मिट्टी खनन के काले खेल पर आमादा है। लेकिन जिनकी जिम्मेदारी इस अवैध मिट्टी खनन को रोकने की है वह कुंभकरण निद्रा में सोए नजर आ रहे हैं।

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बड़ा सवाल आखिर अब यह है की बिना किसी परमिशन के सरकार की योजना अमृत सरोवर के नाम पर अवैध मिट्टी खनन करने वाले यह खनन माफिया आखिर कौन है।
स्थानीय प्रशासन का इनको क्यों आखिर डर नहीं है।
आखिर मिट्टी खनन माफियाओं को किन अधिकारियों का संरक्षण मिला है जिनके दम पर यह खुलेआम सरकारी योजनाओं के नाम पर अवैध मिट्टी खनन पर आमादा है।बुधवार को खटीमा के मुडेली में दिन दहाड़े खनन माफियाओं द्वारा किए गए अवैध मिट्टी खनन के मामले में एसडीएम,पुलिस व खंड विकास अधिकारी आखिर कब जांच करेंगे,
मिट्टी खनन माफिया पर क्या कार्यवाही हो पाएगी,
जिला प्रशासन क्या स्थानीय अधिकारियों की उदासीनता पर कड़ा एक्शन लेगा,यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है।
फिलहाल खटीमा में मिट्टी खनन माफियाओं को संरक्षण दे सरकार की छवि को धूमिल करने का नापाक खेल भी खेला जा रहा है। जिस पर उच्च स्तर से भी बड़ी कार्यवाही का होना जरूरी जान पड़ता है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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