अतीक के भाई अशरफ का मीडिया को दो सप्ताह में उन्हे निपटा दिए जाने वाला बयान हुआ सच,मीडिया से बातचीत के दौरान बड़े अफसर द्वारा धमकी की बात कही थी अशरफ ने,लेकिन नाम बताने से किया था इनकार

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उत्तर प्रदेश – इसे इत्तेफाक कहें या कुछ और अशरफ ने करीब 17 दिन पहले मीडिया से बातचीत में जो कुछ कहा वह सही साबित हो गया।उसने अपनी जान को खतरा बताया था। आशंका जताई थी कि उसे दो सप्ताह में निपटा दिया जाएगा। मीडिया में यह बयान और वीडियो चर्चा में बना हुआ है।

28 मार्च देर रात में प्रयागराज से बरेली जेल में माफिया अतीक लौटा था। बरेली में देर रात में भी मीडिया कर्मी मौजूद थे। माफिया पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ कैदी वैन में बैठा हुआ था। मीडिया कर्मियों ने वैन धीरे होते ही सवाल-जवाब शुरू कर दिया। अशरफ ने बातचीत में कहा था कि उसे अपनी जान का खतरा है। उसे दो सप्ताह में निपटाने का प्लान है।

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उसका दावा था कि ऐसी धमकी बड़े अफसर ने दी है लेकिन उसने नाम बताने से इनकार कर दिया था। उसके इस बयान के 17 वें दिन वह और उसका माफिया भाई अतीक का एक साथ खात्मा कर दिया गया।
बरेली से प्रयागराज स्थित कोर्ट में पेशी के लिए पर्याप्त सुरक्षा के बीच ले जाया गया था। उसकी वापसी 28 मार्च देर रात बरेली जेल में हुई। तब वहां मौजूद मीडिया कर्मी रूबरू हुए थे। उन्होंने कैदी वैन में बैठे अशरफ से सवाल किए। सवाल जवाब में सनसनीखेज बयान दिया। कहा- एक बड़े अधिकारी ने धमकी दी है कि उसे फिर दो सप्ताह में जेल से फिर बाहर निकाला जाएगा और निपटा दिया जाएगा।
पूछताछ करने पर अफसर का नाम बताने से इनकार कर दिया।

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उसने बताया वह संबंधित अफसर आदि के बारे में मुख्यमंत्री और चीफ जस्टिस को बंद लिफाफा में जानकारी उपलब्ध करा देगा। अशरफ ने पूछताछ में यह भी कहा कि उमेश पाल हत्याकांड अथवा साजिश से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उसे फंसाने के लिए ऐसा किया जा रहा है, भाभी शाइस्ता परवीन मेयर चुनाव लड़ने की तैयारी में है इसलिए यह सब राजनीतिक षड्यंत्र किया जा रहा है। अशरफ ने कहा था कि जब वह और उसका भाई लंबे समय से जेल में बंद है उमेश पाल की हत्या की साजिश में कैसे शामिल हो सकता है जेल में मुलाकात के दौरान एलआईयू अधिकारी मौजूद रहते हैं दर्जनों कैमरे हैं ऐसी स्थिति में कोई भी साजिश संभव नहीं है। उसे और उसके परिवार को फंसाया जा रहा है।

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17 दिन पहले मीडिया के समक्ष बताया था अपनी जान को खतरा

अशरफ ने अपनी जान को खतरा बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पर भी तमाम अपराधिक मामले दर्ज हुए थे। वह मेरी पीड़ा समझ सकते हैं। यह सब कुछ सरकार को बदनाम करने और उसके परिवार को फंसाने के लिए किया जा रहा है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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