दिल्ली – उत्तराखण्ड में विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस ने भी बीजेपी को बड़ा झटका दिया है। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य व नैनीताल से उनके विधायक पुत्र संजीव आर्य ने दिल्ली कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस में वापसी कर ली है।उससे पहले यशपाल आर्य ने राहुल गांधी से भी मुलाकात की थी।
यशपाल आर्य और संजीव आर्य के कांग्रेस का दामन थमाने की तस्वीरें भी सामने आ चुकी है।कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने दिल्ली में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कैसी वेणुगोपाल, हरीश रावत,रणदीप सुरजेवाला,उत्तराखण्ड प्रभारी देवेंद्र यादव,सह प्रभारी दीपिका पांडे,प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल,नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के समक्ष अपने पुत्र संजीव आर्या के साथ कांग्रेस में वापसी कर ली है।पिछले कुछ समय से यशपाल के कांग्रेस में वापसी के कयास लगाए जा रहे थे।जिन कयासों को यशपाल के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अब विराम लग गया है।
गौरतलब है कि 2017 विधानसभा चुनाव से पहले यशपाल ने कांग्रेस का दामन थाम भाजपा का दामन थामा था।लेकिन पिछले कुछ समय से वह भाजपा में असहज चल रहे थे।इसका एक मुख्य कारण किसान आंदोलन को भी माना जा रहा है।क्योंकि बाजपुर सीट सिख बाहुल्य होने के चलते 2022 चुनाव में यशपाल आर्य में मुश्किल में डाल सकती थी।
फिलहाल 2022 चुनाव से ठीक पहले उत्तराखण्ड के एक बड़े दलित चेहरे के रूप में पहचान रखने वाले यशपाल आर्य की वापसी से कांग्रेस अपने चुनावी बेड़े को मजबूत करने का काम किया है।यशपाल आर्य के कांग्रेस में वापसी से कुमाऊँ क्षेत्र में कांग्रेस को मजबूती मिलने की राजनीतिक विश्लेषक बात कर रहे है।क्योंकि यशपाल कुमाऊँ सहित उत्तराखण्ड के एक पुराने व मंझे हुए राजनीतिज्ञ माने जाते है।फिलहाल आगामी चुनाव में कांग्रेस को इसका कितना लाभ मिलता है यह देखने वाली बात होगी।