चम्पावत(उत्तराखंड) चंपावत जनपद के लोहाघाट बाराकोट इलाके में रहने वाले राजकीय शिक्षक का शव स्कूल में संदिग्ध हालत में पड़ा मिलने से हड़कंप मच गया। शव पड़े होने की सूचना पर स्थानीय ग्रामीण व परिजन स्कूल में पहुंचे। भारी मशक्कत के बाद शव को किसी तरह सड़क तक लाया गया है। मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है।
मौत के कारणों का फिलहाल पता नही चल पाया है।मृतक शिक्षक के पोस्टमार्टम के बाद ही मृत्यु के कारणों का पता चल सकेगा। शिक्षक की मौत के बाद उनके परिजनों व ग्रामीणों में शोक का माहौल है।साथ ही परिजनो का रो रो कर बुरा हाल है।
पूरी जानकारी के अनुसार बाराकोट के मल्ला खोला निवासी 49 वर्षीय प्रकाश लाल वर्मा राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बाराकोट ब्लाक के ही सील बरूड़ी राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे। स्कूल अति दुर्गम क्षेत्र में होने के चलते वे विद्यालय में ही रहा करते थे। बताया जाता है कि आज रविवार को आसपास के ग्रामीणों ने करीब डेढ़ बजे उन्हें स्कूल के कमरे में बेहोशी की हालत में देखा। उन्होंने उल्टी की हुई थी और उनके मुंह से झाग निकला हुआ था। ग्रामीणों ने तुरंत अन्य अध्यापकों को इस बात की जानकारी दी। इससे पहले कि वे उन्हें उपचार के लिए अस्पताल ले जाते, तब तक प्रकाश वर्मा दम तोड़ चुके थे। बताया जाता है कि करीब साढ़े तीन बजे लगभग उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद उनके परिजनों व गांव वालों को सूचना दी गई। परिजन व ग्रामीण आनन फानन में करीब ढाई-तीन घंटे की पैदल यात्रा कर स्कूल तक पहुंचे।
मामले से पुलिस को भी अवगत कराया गया है। उत्तरांचल (पर्वतीय) कर्मचारी शिक्षक संगठन के जनपद अध्यक्ष नगेंद्र कुमार जोशी ने बताया कि सील बरूड़ी स्कूल तक पहुंचने के लिए घाट से पहले कच्ची सड़क से कई किमी यात्रा करनी पड़ती है। उसके बाद करीब ढ़ाई-तीन घंटे की पैदल यात्रा करनी पड़ती है।
मामले की सूचना मिलते ही बाराकोट क्षेत्र से दुर्गेश जोशी, रमेश चंद्र जोशी, मदन लाल वर्मा, गुड्डू वर्मा व प्रकाश वर्मा के परिजन मौके पर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद वे देर रात प्रकाश वर्मा का शव लेकर घाट पहुंचे। बताया जा रहा है कि शव को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। सोमवार को शव का पोस्टमार्टम किए जाने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। मौत के कारणों की वजह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल सकेगी। प्रकाश वर्मा के निधन की सूचना से बाराकोट क्षेत्र में शोक की लहर है।