

टनकपुर(चंपावत) – प्रदेश भर में बीते एक माह से पदोन्नति, स्थानांतरण, पुरानी पेंशन योजना जैसी लगभग 34 माँगों पर शिक्षक आन्दोलनरत है।इस आंदोलन के बीच राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय सदस्य और उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शिक्षक रवि बगोटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने रक्त से पत्र भेज उत्तराखंड के शिक्षको की वर्षो पुरानी मांगो पर संज्ञान लेने की गुहार लगाई है।

शिक्षक रवि चंपावत जिले के टनकपुर के राजकीय इंटर कॉलेज गेंडाखाली में सहायक अध्यापक एलटी पद पर कार्यरत है।अपने रक्त से पत्र लिख देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज शिक्षक रवि ने उत्तराखंड के शिक्षको की वर्षो पुरानी मांग पर ध्यान आकर्षित करने की मांग की है।

चंपावत जनपद के टनकपुर तहसील क्षेत्र स्थित राजकीय इंटर कॉलेज गैंडाखाली में सहायक अध्यापक एलटी पद पर कार्यरत खटीमा निवासी शिक्षक रवि बगोटी ने शिक्षकों की पदोन्नति सहित विभिन्न मांगों को लेकर अपने रक्त से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख उत्तराखंड के शिक्षकों की मांगों पर अपना ध्यान आकर्षित करने की पीएम से गुहार लगाई है।
शिक्षक रवि राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय सदस्य और उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी भी है।
शिक्षक रवि बगोटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम अपने खून से पत्र लिखकर प्रेषित कर बताया की उत्तराखंड राज्य में वर्षों से प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य,प्रवक्ताओं के पद रिक्त हैं। पर अपने सेवाकाल के 25 से 30 वर्ष के ही पद में कार्यरत रहने के बाद भी शिक्षकों की पदोन्नति बर्षों से रुकी हुई है।इस पर राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखण्ड समय समय पर आन्दोलन करता आया है।पर वर्तमान में पदोन्नति, स्थानांतरण, पुरानी पेंशन योजना जैसी विभिन्न लगभग 34 माँगों पर आन्दोलन पिछले 1 महीने से ज्यादा समय से चल रहा है।जबकि छात्र हित के सभी मुद्दों पर स्थिति इतनी भयावह हो गयी है कि उत्तराखण्ड के 90% हाई स्कूलों में प्रधानाध्यापक एवमं 95% इण्टर कालेजों में प्रधानाचार्यों के पद रिक्त हैं।
जिला चम्पावत में किसी भी हाई स्कूल में एक भी पूर्णकालिक प्रधानाध्यापक नहीं है और इण्टर कालेजों में केवल 5 प्रधानाचार्य पूर्णकालिक हैं जिनमे से 4 प्रधानाचार्य एक दो साल में रिटायर होने वाले हैं।
प्रधानाचार्य, प्रधानाध्यापक के पदों पर शिक्षकों की पदोन्नति शत प्रतिशत वरिष्ठता के आधार पर हो यही माँग लेकर आंदोलनरत शिक्षकों का संगठन सरकार और विभाग के रवय्ये से नाराज है।शिक्षकों की पदोन्नति न कर विभाग इन पदों पर सीधी भर्ती करने की जिद्द कर बैठा है।जो शिक्षकों के साथ अन्यायपूर्ण नीति है।इस भर्ती के खिलाफ उत्तराखण्ड के हजारों शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।फिर भी विभाग और सरकार के कान में जूं भी नहीं रेंग रही है।
इसलिए राजकीय शिक्षक संघ की प्रांतीय कार्यकारणी ने आह्वान पर प्रत्येक शिक्षक अपने रक्त से एक पत्र देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिख रहा है। शिक्षक रवि के अनुसार प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान की अनुसार अब तक लगभग 500 शिक्षक यह पत्र पूरे प्रदेश से लिख चुके हैं।इसी के साथ ही सारे गैर शैक्षणिक कार्यों को त्यागकर राजकीय शिक्षक असहयोग आन्दोलन के तहत स्कूलों में केवल अध्यापन कार्य कर रहे हैं।शिक्षकों द्वारा पूर्ण मनोयोग से स्कूलों में पठन-पाठन करवाया जा रहा है।शिक्षकों का मानना है की प्रधानाध्यापक /प्रधानाचार्य पदों पर पदोन्नति न होने से शिक्षा व्यवस्था पटरी से उतर रही है क्योंकि शिक्षक द्वारा प्रभारी का कार्य करने से बच्चों को पढ़ाने का कार्य नहीं हो पा रहा हैं।
इसलिए आज शिक्षक प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते अपने मांगो पर देश के प्रधानमंत्री का ध्यान आकर्षित करने हेतु अपने रक्त से अपनी न्यायोचित मांगो को पत्र के माध्यम से प्रेषित करने को मजबूर हुए है।फिलहाल शिक्षक रवि का अपने खून से देश के प्रधानमंत्री को खत लिख एक बार फिर प्रदेश के शिक्षको की मांगों को सामना लाना चर्चाओं में है।



