मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल के पार्वती प्रेमा जगाती सरस्वती विहार में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तराखंड द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में किया प्रतिभाग, उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षा में विद्या भारती विद्यालयों के उत्कृष्ट स्थान प्राप्त अभ्यर्थियों को किया सम्मानित

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नैनीताल(उत्तराखंड) – मुख्यमंत्री ने रविवार को नैनीताल के प्रेमा जगाती सरस्वती विहार पहुंच विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान उत्तराखंड द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में प्रतिभाग किया। सीएम धामी ने इस अवसर पर उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में मैरिट लिस्ट में स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान सभी में एक नई ऊर्जा का संचार करेेगा, नया उत्साह लाएगा तथा भविष्य में जीवन में आने वाली सभी परीक्षाओं में भी श्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की सनातन संस्कृति और राष्ट्रभक्ति के विचारों को आत्मसात करते हुए विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में बडा योगदान दे रहा है। इसके स्पष्ट प्रमाण हैं कि यदि कोई भी कार्य अच्छी सोच के साथ कड़ी मेहनत के साथ निरंतर किया जाए तो उस कार्य को सफल होने से रोका नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष में ये कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, इस विशिष्ट कार्यक्रम में उपस्थित होना उनके लिये गर्व की बात है।

उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के पश्चात यह अनुभव किया गया कि भारत की शिक्षा व्यवस्था को अपनी जड़ों और संस्कृति से जोड़ने की आवश्यकता है इन्हीं विचारों को मूर्त रूप देते हुए 1952 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से गोरखपुर में संस्कारी, चरित्रवान और कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाने के दिव्य संकल्प के साथ पहला सरस्वती शिशु मंदिर प्रारंभ हुआ।

इसी उद्देश्य से विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान का गठन हुआ। आज विद्या भारती ने भारतीय शिक्षा पद्धति और आधुनिक शिक्षा के मेल से शिक्षा जगत में नई क्रांति फैलाई है। शिक्षा के क्षेत्र में बोया गया वह एक छोटा सा बीज आज एक विशाल वृक्ष बनकर देशभर को शिक्षा और संस्कार की छांव भी दे रहा है। विद्या भारती देश भर में लगभग 13000 औपचारिक एवं 12000 अनौपचारिक विद्यालयों के माध्यम से 35 लाख छात्रों में ज्ञान, करुणा, संस्कृति और सदाचार जैसे मानवीय गुणों को उनके संस्कारों में लाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती द्वारा आदिवासी बहुल इलाकों, अंतरराष्ट्रीय सीमा वाले क्षेत्रों में भी सैकड़ों विद्यालय खोले गए हैं,

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उत्तराखंड में भी विद्या भारती का योगदान अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा विद्या भारती के सात स्कूलों को सैनिक स्कूल के रूप में स्थापित करने हेतु चयन किया गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने देश के भविष्य निर्माण में 70 वर्षों से अधिक समय से अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान, विद्या भारती और उसके सभी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, संचालकों, आचार्याे, शिक्षक गणों को उनके द्वारा शिक्षा के जगत में है किए गए महान योगदान के लिए भी धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखकर उत्तराखंड सरकार ने सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति को उत्तराखंड में लागू करने का काम किया है, साथ ही प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक आधुनिक और व्यवहारिक बनाने के लिए अनेक स्तरों पर सरकार नीति तैयार कर अनेक निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से लेकर 12 तक के विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें और कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ जूट बैक भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत मेधावी छात्रों को प्रतिभा छात्रवृत्ति भी दी जा रही है, इसके साथ ही प्रदेश के प्रत्येक विकासखंड के हाई स्कूल और इंटर में टॉप करने वाले छात्रों को भारत भ्रमण पर भी लेकर जाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में आधारभूत संरचनाओं का निरंतर विकास किया जा रहा है। राज्य में 20 मॉडल कॉलेजों की स्थापना की जा रही है। महिला छात्रावास, आईटी लैब सहित परीक्षा भवन आदि का निर्माण भी किया जा रहा है इसके साथ ही ब्रिटेन के साथ उत्तराखंड छात्रवृत्ति हेतु समझौता किया गया है जिसके तहत पंच श्रेष्ठ विद्यार्थियों को मास्टर डिग्री के लिए ब्रिटेन भेजा जाएगा, हमने इन्फोसिस स्प्रिंग बोर्ड के साथ भी राज्य के उच्च शिक्षण संस्थाओं में कंप्यूटर आधारित विभिन्न पाठ्यक्रम संचालित करने हेतु भी समझौता किया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के युवाओं को और बेहतर अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से देश के 100 श्रेष्ठ रैंकिंग वाली संस्थाओं में प्रवेश लेने वाले युवाओं को प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही हैं। उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है जहां बुनियादी शिक्षा को बढ़ाने के साथ ही विद्यालयों में विद्यार्थीयों की रचनात्मकता को और बढ़ावा देने हेतु बस्ता रहित दिवस को भी पाठ्य चर्चा में शामिल किया गया है। इसके अलावा विरासत पुस्तक के माध्यम से कक्षा छः से लेकर आठ तक के छात्रों को भारत की संस्कृति लोक परंपरा और देश और प्रदेश की महान विभूतियों के जीवन परिचय कराने का कार्य भी किया जा रहा है।

उन्होेंने कहा कि राज्य की पुस्तक पाठ्यक्रम में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के जननायकों की शौर्य गाथाओं को भी सम्मीलित किया है जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को उनके योगदान, आंदोलन व उनके बलिदान को समझ सके और राज्य के प्रति उनके अंदर उत्तरदायित्व की एक भावना विकसित हो सके। साथ ही भारतीय ज्ञान परंपरा को विकसित करने के लिए कौशल कार्यक्रम भी राज्य में प्रारंभ किया है इसके अतिरिक्त संघ लोक सेवा आयोग सीडीएस एनडीए इन सभी परीक्षाओं में पास होने पर उनके साक्षात्कार की तैयारी करने के लिए 50000 की धनराशि का प्रावधान भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण विश्व सनातन धर्म और संस्कृति के महत्व को समझ रहा है इसे देखते हुए देहरादून में दून विश्वाविद्यालय में आईटी सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज की स्थापना की है। जिसमें हिंदू सभ्यता और संस्कृति से जुड़े अनेक पहलुओं पर शिक्षण और शोध कार्य किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले नकल माफियाओं पर नकेल कसने के लिए प्रदेश में देश का सबसे कठोर नकल विरोधी कानून लागू किया है जिसका परिणाम है पीछले चार वर्षों में राज्य में 25000 से भी अधिक अभ्यर्थियों को योग्यता, क्षमता और प्रतिभा के आधार पर नौकरियां प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है उन्होंने पिछले कुछ दिनों से देवभूमि में घटित घटना का जिक्र करते हुए कहा कि नकल माफियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी देते हुए कहा की उनकी दाल अभी उत्तराखंड में गलने वाली नहीं है और उनके जीते जी कोई भी राज्य के गरीब माता-पिता के बेटे, बेटियों उनके भाई बहनों के साथ ,युवा नौजवानों के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय नहीं कर पाएगा।

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उन्होंने कहा कि यूकेएसएसएससी पेपर में नकल का प्रकरण एक सेंटर पर एक विशेष व्यक्ति के ऊपर आया है उसकी गिरफ्तारी की जा चुकी है उससे संबंधित सभी लोगों से जानकारियां ली जा रही है व उसकी जांच की जा रही है हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज उसका पूरा सुपरविजन करेंगे,उन्होंने कहा कि कहीं पर भी कोई ऐसा प्रकरण आएगा जिससे छात्रों का अहित हो रहा हो, तो सरकार, वही करेगी जो छात्र हमारे चाहते हैं उनके हित में वही निर्णय सरकार द्वारा लिया जाएगा। उन्होंने कहा की पूरी जांच होने के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और जो भी दोषी होंगे उनको कठोर से कठोर दंड दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान देश की युवा पीढ़ी को भारतीय मूल्यों संस्कृति के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने के इस महान कार्य को और अधिक विस्तार देते हुए देश को विकसित राष्ट्र बनाने के हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सपनों को साकार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका इसी प्रकार निभाता रहेगा जिससे युवाओं में राष्ट्र प्रथम की भावना होगी और राष्ट्र को विश्व गुरु बनाने में सफल होंगे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के विभिन्न जिलों से विद्या भारती के विद्यालयों से बोर्ड परीक्षा में मेरिट लिस्ट में आए छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। तथा उनके उज्जवल भविष्य का उन्हें आशीर्वाद दिया।

इस अवसर पर डोमेश्वर साहू, प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र, अखिल भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखंड के अध्यक्ष डॉ.नरेंद्र सिंह भंडारी, विधायक नैनीताल सरिता आर्या, विधायक भीमताल राम सिंह कैड़ा, भाजपा जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, दायित्वधारी डॉ अनिल डब्बू, शांति माहरा, आयुक्त कुमाऊँ दीपक रावत, आईजी कुमाऊँ रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी वंदना, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा, प्रंबधक पार्वती प्रेमा जगाती श्याम अग्रवाल एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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