चीन निर्मित कोरोना वैक्सीन नहीं लगवायेगा मुस्लिम समाज,पोर्क जिलेटिन पर बढ़ा विवाद,पढ़े पूरी खबर

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

नई दिल्ली- कोरोना वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन (सुअर की चर्बी) का विवाद बढ़ता जा रहा है। मुस्लिम समुदाय ने पोर्क जिलेटिन युक्त कोरोना वैक्सीन का प्रयोग न करने का फैसला लिया है। इस क्रम में भारत के 9 मुस्लिम संगठनों ने फतवा जारी कर खासकर चीन में बनी कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने की बात कही है। हाल ही में UAE के शीर्ष इस्लामी संगठन फतवा काउंसिल ने कोरोना वायरस की वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन होने पर भी इसे जायज बताया था।

यह भी पढ़ें 👉  खटीमा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निज आवास नगरा तराई एवं कैंप कार्यालय लोहियाहेड में आमजनता से मुलाकात कर उनकी सुनी समस्याओं,पूर्णागिरी मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए छ बायो मोबाइल शौचालयों को हरी झंडी दिखा चंपावत को किया रवाना।

कोरोना वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन का विवाद

वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन के इस्तेमाल की चर्चा बीते अक्टूबर से शुरू हुई थी। जब इंडोनेशिया का एक राजनयिक दल वैक्सीन का ऑर्डर देने चीन गया था। वहां वैक्सीन बनाने के तरीके जानने के बाद पता चला कि इसमें सुअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। जिसके बाद दुनियाभर में इस दवा को लेकर मुस्लिम समुदाय नाखुश है।

चीन की वैक्सीन नहीं लगवाएंगे मुस्लिम

वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन का विवाद बढ़ता जा रहा है। भारत के 9 मुस्लिम संगठनों ने कहा है कि वे चीन में बनने वाली वैक्सीन नहीं लगवाएंगे। उन्होंने इस पर एक फतवा जारी किया है। दरअसल, चर्चा है कुछ वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन, यानी सूअर की चर्बी का इस्तेमाल किया गया है। जबकि इस्लाम में पोर्क से बने किसी भी उत्पाद को हराम है। हाल ही में UAE के शीर्ष इस्लामी संगठन फतवा काउंसिल ने कोरोना वायरस की वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन होने पर भी इसे जायज बताया था।

यह भी पढ़ें 👉  शारदा कॉरिडोर बनेगा श्रद्धा, संस्कृति और समृद्धि का केंद्र — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की परियोजना की समीक्षा,शारदा कॉरिडोर विकाश परियोजना के लिए लगभग 3300 करोड़ प्रस्तावित

कंपनियों ने पोर्क-फ्री वैक्सीन का दावा किया

कई कंपनियों ने पोर्क-फ्री यानी सुअर के जिलेटिन का इस्तेमाल किए बिना वैक्सीन विकसित करने का दावा किया है। फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका ने बाकायदा नोटिस जारी कर बताया है कि उनकी वैक्सीन में पोर्क जिलेटिन का उपयोग नहीं किया गया है। इन कंपनियों ने कहा है कि वैक्सीन का इस्तेमाल हर कोई कर सकता है।

यह भी पढ़ें 👉  खटीमा की सरजमी पर पहली बार मुस्लिम समाज में हुआ सामूहिक निकाह का भव्य आयोजन,तंजीम उलेमा ए अहले सुन्नत सामाजिक इस्लामिक संस्था ने गरीब बेसहारा 07 बेटियो का कराया निकाह, हजारों लोग के साथ उप नेता प्रतिपक्ष व क्षेत्रीय विधायक भुवन कापड़ी सहित शहर के प्रमुख लोगो ने सामूहिक निकाह आयोजन में की शिरकत।
Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles