कोविड-19 से मृत्यु पर सीएम पुष्कर धामी ने मृतक के परिजनों को 50 हजार की सहायता का लिया निर्णय,जिलाधिकारियों को 30 दिन के भीतर पीड़ित परिवारों को मुवावजा पहुँचाने के निर्देश

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देहरादून(उत्तराखण्ड)- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड-19 से अपनी जान गंवाने वाले लोगो के परिजनों को आर्थिक सहायता पहुँचाने के मामले में बड़ा फैसला लिया है। कोविड-19 से मृत्यु पर अब राज्य सरकार मृतक के परिजनों को 50 हजार रूपये का मुआवजा देगी। यह आर्थिक सहायता ‘राज्य आपदा मोचन निधि’ से प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार वैश्विक महामारी कोविड-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के साथ खड़ी है।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास में अंतरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को इसकी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने जिलाधिकारियों को आवेदन के 30 दिन के भीतर पीड़ित परिवार को मुआवजा उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में अन्तरराष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि पुनर्वासित परिवारों को पुनर्वास क्षेत्र में बिजली, पानी एवं अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पर्याप्त व्यवस्था हो। जिन पुनर्वासित गांवों को सड़क से जोड़ा जाना है, उनकी सूची जल्द शासन को उपलब्ध कराई जाय। पुनर्वासित गांवों में मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यवस्था मनरेगा से कन्वरजेंस एवं जिलाधिकारी के नियंत्रणाधीन विभिन्न फंडों से की जाय। इसके बाद भी कोई परेशानी हो तो मामला शासन स्तर पर लाया जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से आठ जनपदों के पुनर्वासित गांवों के लोगों से बात कर उनकी समस्याएं सुनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी समस्याओं का उचित हल निकालने का प्रयास किया जायेगा।

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मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील गांवों का लगातार सर्वे किया जाय। सर्वे के बाद जिन गांवों एवं परिवारों को तत्काल पुनर्वासित करने की आवश्यकता है, उसकी सूची भी जल्द उपलब्ध कराई जाय। पुनर्वासित परिवारों के लिए भारत सरकार की गाईडलाईन के अनुसार धनराशि दी गई है। पुनर्वासित क्षेत्र में अवस्थापना विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों का कोविड से निधन हुआ उनके परिवार जनों को आपदा मद से 50 हजार रूपये की धनराशि देने के लिये तीव्र गति से काम किया जाएगा।

प्राकृतिक आपदा उपरान्त प्रभावित गांवों/ परिवारों के पुनर्वास नीति 2011 के प्राविधानुसार राज्य में कुल 83 गांव एवं 1447 परिवारों को पुनर्वासित किया गया जिसके लिए 61 करोड़ 02 लाख 35 हजार रूपये की धनराशि प्रदान की गई। जिसमें से वर्ष 2017 से पहले 02 गांवों के 11 परिवारों को जबकि वर्ष 2017 के बाद से 81 गांवों के 1436 परिवारों को पुनर्वासित किया गया। गढ़वाल मण्डल के अन्तर्गत चमोली जनपद के 15 गांवों के 279 परिवर, उत्तरकाशी जनपद के 05 गावों के 205 परिवार, टिहरी जनपद के 10 गांवों के 429 परिवार एवं रूद्रप्रयाग जनपद के 10 गांवों के 136 परिवार पुनर्वासित किये गये। जबकि कुमाँऊ मण्डल के अन्तर्गत पिथौरागढ़ के 31 गांवों के 321 परिवार, बागेश्वर जनपद के 09 गांवों के 68 परिवार, नैनीताल जनपद के 01 गांव के 01 परिवार एवं अल्मोड़ा जनपद के 02 गांवों के 08 परिवार विस्थापित किये गये।इस अवसर पर आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव आपदा प्रबंधन एस.ए.मुरूगेशन, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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