अतिक्रमण मामले पर खटीमा प्रशासन का दोहरा मापदंड,फाइबर के आगे चली जेसीबी,लेकिन पॉलिप्लेक्स अतिक्रमण पर रहम,ये कैसी कार्यवाही

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खटीमा(उधम सिंह नगर)- सीमांत खटीमा प्रशासन द्वारा सोमवार को अतिक्रमण के खिलाफ की गई कार्रवाई पर दोहरे मापदंड अपनाने पर प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो चुके हैं। खटीमा तहसील प्रशासन द्वारा जहां सोमवार को लोहियाहेड रोड स्थित खटीमा फाइबर फैक्ट्री के आगे सड़क किनारे लगे पाइप व चैन को जेसीबी के माध्यम से तोड़कर हटाया गया। लेकिन फाइबर फैक्ट्री के ही आगे पॉलिप्लेक्स कारखाने द्वारा सड़क किनारे ही लंबे समय से अतिक्रमण कर बनाए गए मोटरसाइकिल स्टैंड पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।खटीमा प्रशासन की अतिक्रमण पर दोहरे मापदंड अपनाने की इस कार्रवाई से प्रशासन की कार्रवाई पर प्रश्न लग गए हैं।

गौरतलब है कि खटीमा के लोहियाहेड रोड स्थित पॉलिप्लेक्स कारखाने के आगे सड़क किनारे फुटपात को फैक्ट्री के द्वारा लोहे के जाल से बहुत बड़ा एरिया कवर कर उस पर फैक्ट्री कर्मियों के लिए मोटरसाइकिल व साइकिल स्टैंड बनाए गए हैं।जिस कारण आए दिन सड़क के उस स्थान पर जाम की स्थिति बनी रहती है।जबकि यही मार्ग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आवास को भी जाता है।इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा उस अतिक्रमण पर तमाम शिकायतो के बावजूद आज तक कार्यवाही नही की गई है।

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जबकि खटीमा में इस तरह के सड़क किनारे पर अतिक्रमण हर फेक्ट्री द्वारा किए गए है।लेकिन प्रशासन द्वारा खटीमा फाइबर के आगे के सड़क किनारे लगे पाइपों पर जेसीबी चला कर जिस तरह दोहरे मापदंड को अपनाया गया है।वह खटीमा इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।

पॉलिप्लेक्स कारखाने के आगे अतिक्रमण पर प्रशासन का नरम रुख व फाइबर फेक्ट्री के आगे के अतिक्रमण पर प्रशासन का गरम रुख भी सवालों के घेरे में है। क्योंकि खटीमा फाइबर फैक्ट्री के एमडी की सीएम से नजदीकियां किसी से छुपी नहीं है।चुनाव के दौरान भी मुख्य विपक्षी दल द्वारा इस मामले में प्रशासन के आगे कई सवाल उठाए थे।

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लेकिन चुनाव के मतदान के बाद अचानक प्रशासन को जिस तरह खटीमा फाइबर कारखाने के आगे का अतिक्रमण याद आया है। ओर सड़क किनारे के उस अतिक्रमण पर जेसीबी चलाने की प्रशासन ने हिम्मत दिखाई है।इसे भी प्रशासन की औपचारिकता के रूप में देखा जा रहा है।जबकि खटीमा फाइबर कारखाने के आगे पॉलिप्लेक्स व ईस्टर कारखाने के आगे भी लोहे के जाल लगाकर सड़क किनारे अतिक्रमण को अंजाम दिया गया है।लेकिन उन कारखानों के सड़क किनारे पर किए गए को प्रशासन द्वारा नजर अंदाज कर सिर्फ एक कारखाने के आगे किए अतिक्रमण पर कार्यवाही करना प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल खड़े कर रहा है।खटीमा प्रशासन का अतिक्रमण मामले में अपनाया गया दोहरा मापदंड खटीमा क्षेत्र में चर्चाओं का विषय बना हुआ है।

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वही प्रशासन का खटीमा फाइबर के आगे के सड़क किनारे के अतिक्रमण को हटाना के पक्ष में तर्क यह है की इससे लोगो आवागमन में परेशानी हो रही थी।लेकिन सड़क के एक तरफ अतिक्रमण से आमजन को परेशानी व दूसरे तरफ फेक्ट्री द्वारा किए गए पक्के अतिक्रमण से किसी को कोई परेशानी ना होना किसी के भी आसानी से गले नही उतर रहा है।फिलहाल प्रशासन की अतिक्रमण पर सड़क के एक तरफ की गई कार्यवाही व दूसरे तरफ के अतिक्रमण को नजर अंदाज करना सवालों के घेरे पर है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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