बनबसा बॉर्डर पर दर्जनों प्राइवेट वाहन टैक्सी बन भर रहे रोजाना फर्राटा,इंफोर्समेंट एजेंसियां खामोश, देखे वीडियो🎥

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बनबसा(चम्पावत)- देश मे अनलॉक में सरकार से मिली छूट के बाद बनबसा अंतर्राष्ट्रीय नेपाल सीमा पर जंहा रोजाना सौ से सवा सौ नेपाली नागरिकों की भारत के विभिन्न शहरों को वापसी हो रही है।वही बनबसा नेपाल बॉर्डर पर नेपालियों की वापसी के बाद वर्तमान समय मे एक अजब गौरखधंधा भी फलने फूलने लगा है।रोजाना बनबसा बॉर्डर पर दर्जनों प्राइवेट वाहन टैक्सी के रूप में संचालित हो नेपाल से आने वाली सवारियों को देश के विभिन्न स्थानों में बुकिंग के आधार पर छोड़ने का काम कर रहे है।जबकि इससे जहां सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है।वही टैक्सी परमिट वाहन बॉर्डर पर चल रहे इस खेल से प्रभावित हो रहे है।बनबसा बॉर्डर पर एसएसबी चेक पोस्ट के पास मंदिर के सामने सजने वाले प्राइवेट वाहनो की इस मंडी पर अंकुश लगाने की जहमत ना आरटीओ विभाग ना पुलिस,ना एसएसबी व ना ही स्थानीय प्रशासन उठा रहा है।

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बनबसा बॉर्डर पर सजती प्राइवेट वाहनो की मंडी

रोजाना सुबह आठ बजे के बाद बनबसा बैराज पार कर प्राइवेट वाहन इमिग्रेशन चेक पोस्ट व एसएसबी चेकिंग पोस्ट के बीच मे मंदिर के पास दर्जनों की संख्या में खड़े हो जाते है।जिसके बाद प्राइवेट वाहनो के हिडन एजेंट जो कि एसएसबी चेक पोस्ट के आगे थर्मल स्क्रीनिंग पाउंट से सवारियों को अपने वाहनो तक भेजने का काम करते है। बॉर्डर पर स्कोर्पियो,स्विफ्ट डिजायर,इनोवा,अर्टिका सहित दर्जनों मॉडल की प्राइवेट कार सवारियों की बुकिंग व उन्हें ढोने का धड़ल्ले से बनबसा बॉर्डर पर काम कर रही है। नेपाल सीमा सील के दौरान बनबसा बॉर्डर पर बैराज पुलिस चौकी व इमिग्रेशन चेक पोस्ट पर लगे सीसीटीवी कैमरों को चेक कर साफ देखा जा सकता है कि यह प्राइवेट वाहन रोजना शारदा बैराज पुल को पार कर सवारियों को लाने ले जाने का काम करते है।जबकि परिवहन नियमो के हिसाब से सिर्फ टैक्स परमिट वाहन ही सवारियां ढो सकते है।

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बॉर्डर पर चल रहे इस गौरखधंधे से सरकार को परिवहन टैक्स की मार झेलनी पड़ रही हैं।क्योंकि प्राइवेट वाहन लगातार टैक्सी के रूप में बनबसा बॉर्डर पर संचालित हो रहे है।हमारे सूत्रों के हिसाब से सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े कुछ लोगो के प्राइवेट वाहन भी बनबसा बॉर्डर पर टैक्सी के रूप में चल चांदी काटने का काम कर रहे है।जबकि इसके लिए सबसे जिम्मेदार महकमा आरटीओ विभाग इन वाहनों पर कार्यवाही करने को तैयार नही दिख रहा है।साथ ही पुलिस व अन्य एजेंसियों की नाक के नीचे प्राइवेट वाहनो के रूप में वीआईपी कार टैक्सी के रूप में संचालित हो रही है।

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इस गौरखधंधे की बात जब जिलाधिकारी चम्पावत एस एन पांडे से की गई तो उनका साफ कहना है कि अगर बॉर्डर पर ऐसा कार्य चल रहा है तो वह एआरटीओ से वार्ता कर कार्यवाही हेतु निर्देशित करेंगे।फिलहाल बनबसा बॉर्डर पर प्राइवेट वाहनो के इस गौरखधंधे से सरकार को टैक्स दे रहे टैक्सी वाहन स्वामी खासे परेशान है।एक तो कोरोना की मार दूसरा प्राइवेट वाहनो का उनके व्यवसाय में अनैतिक रूप से अतिक्रमण कही ना कही टैक्सी व्यवसाय से जुड़े लोगों की कमर तोड़ रहा है।जिस पर स्थानीय प्रशासन व इंफोर्समेंट एजेंसियां बिलकुल भी संजीदा नही दिख रही है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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