खटीमा(उधम सिंह नगर)- पूरे प्रदेश में उत्तरायणी कौतिक मेले की जहां धूम है।वही सीमांत क्षेत्र खटीमा के चकरपुर लालकोठी शारदा नदी के तट पर बीते 20 सालों से प्रत्येक वर्ष लालकोठी स्थित शारदा नहर के तट पर मकर संक्रांति पर्व पर दो दिवसीय उत्तरायणी कौतिक मेले का सोमवार को आगाज हो गया।मेले का शुभारंभ लालकोठी मेला आयोजन समिति के द्वारा रंगयात्रा के साथ किया गया। मकर संक्रांति पर्व पर शारदा घाट पर सैकड़ों लोगों ने डूबकी लगाकर शिव मंदिर में पूजा अर्चना की। वही इस पावन अवसर पर शारदा नदी के घाट पर सैकड़ों युवाओं व बच्चों का यज्ञोपवीत संस्कार किया गया।
मकर संक्रांति के अवसर पर सोमवार को लालकोठी स्थित शिव मंदिर से रंगयात्रा निकाली गई। रंगयात्रा में छोलिया नृत्य के साथ सुंदर झांकियां निकाली गई। रंगयात्रा के मेला स्थल पहुंचने के बाद मेले का उद्घाटन मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में नोडल अधिकारी केदार सिंह ब्रजवाल ने फीता काटकर किया। नोडल अधिकारी सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से आमजन को मकर संक्रांति की बधाई देते हुए कहा कि उत्तरायणी पर्व का धार्मिक के साथ सांस्कृतिक महत्व भी है जो लोगों को परस्पर जोड़ने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि मेले हमारे संस्कृति की धरोहर है।
इस अवसर पर लोक कलाकारों द्वारा कुमाऊंनी गीत व स्कूली बच्चों ने स्वागत गीत व नृत्य प्रस्तुत कर लोगों मंत्र मुग्ध कर दिया।विभिन्न स्कूल के बच्चो ने एक के बाद एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शानदार प्रस्तुति दे लोगों का मनमोह लिया। मेले में विभिन्न प्रकार के व्यजंनों के स्टालों के साथ बच्चों के झूले, मिक्की माउस आदि लगाये गये है।
उत्तरायणी मेले में बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों के अलावा पडोसी देश नेपाल के लोगां ने पहुंचकर मेले का आनन्द लिया। मेला कमेटी की ओर मेले में आए लोगों को माघ खिचड़ी भी मेला आयोजको द्वारा वितरित की गई। कार्यक्रम का संचालन पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष किशोर जोशी द्वारा किया गया।इस अवसर पर पूर्व सैनिक संगठन के पूर्व अध्यक्ष व दर्जा मंत्री रहे रिटायर्ड कैप्टन शेर सिंह दिगारी को भी मेला आयोजन समिति द्वारा सम्मानित किया गया।
इस दौरान मेला कमेटी अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह खोलिया, संरक्षक राम सिंह जेठी, नवीन बोरा, बसंत बल्लभ जोशी, पूरन चंद्र जोशी, देवेंद्र कन्याल, मोहन प्रसाद मन्नू, कैप्टन शेर सिंह दिगारी, भुवन चंद्र कलौनी, बलवीर खोलिया, गोपाल सिंह, सुरेश उप्रेती, विक्रम प्रसाद, मोहन सिंह धामी, राजेंद्र सिंह मनौला, राम सिंह धामी, नरेंद्र सिंह सौन, नरेंद्र धामी, शंकर दत्त कलौनी, बहादुर धामी आदि सैकड़ों लोग मौजूद रहे।