निर्धन व जरूरतमंदो बच्चों के शैक्षिक उजियारे के लिए कैलास उदय चंद ने प्रोजेक्ट बियोंड एजूकेशन संस्था बना मुंबई से किया मातृ भूमि उत्तराखण्ड का रुख,

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बनबसा(चम्पावत)- भले ही रोजगार की तलाश में कई साल पहले उत्तराखण्ड को छोड़ मुंबई बसना पड़ गया हो।लेकिन अपनी जन्मभूमि के लिए कुछ कर गुजरने की इच्छा ने मुंबई में बेहतरीन जीवन जी रहे कैलास उदय चंद को अपनी मातृ भूमि बनबसा आने को आखिरकार मजबूर कर दिया।कैलास उदय चंद ने प्रोजेक्ट बियोंड एजूकेशन संस्था को बना बनबसा क्षेत्र में गरीब व जरूरतमंद बच्चो के शैक्षिक उत्थान पर काम करना शुरू कर दिया है।

मुंबई से उत्तराखण्ड पहुँचे संस्था के संरक्षक कैलास उदय क्षेत्र ने बनबसा व आसपास क्षेत्रो के स्कूलों के उन बच्चो का चयन करना शुरू कर दिया।जो लॉक डॉउन व अपने परिवार की निम्न आर्थिक स्थिति के चलते अपनी शिक्षा को जारी नही कर पा रहे थे। संस्था द्वारा शारदा इंटरमीडिएट कॉलेज बनबसा के १७ जरूरतमंद बच्चे जिसमें मेघावी, अनाथ, जिनके मां बाप काम नहीं कर सकते ऐसे चुने हुए बच्चों की 6 महीने की कुल 28,500/ की राशि स्कूल प्रिंसिपल को दी गई।

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संस्था के संयोजक कैलाश उदय चन्द, मुम्बई से आऐ संस्था के मेंबर सुरेन्द्र चन्द और खास मेहमान राजकीय महाविद्यालय बनबसा से डॉक्टर दिनेश गुप्ता संस्था के इस वेलफेयर प्रोगाम में उपस्थित रहे। प्रोजेक्ट बियोंड एजूकेशन टीम द्वारा निर्मित स्मार्ट क्लास में स्कूल से प्रिंसिपल विमल कुमार मिश्रा सर ने मार्गदर्शन किया।

इस अवसर पर दसवीं कक्षा के टॉप करने वाले बच्चे भारत मेहरा को 1000/ रुपए नगद का पुरुस्कार भी संस्था द्वारा दिया गया। साथ ही संस्था के कार्यक्रम के माध्यम से भरत मेहरा, रिशा बोहरा, अंशू शाह आदि मेघावी छात्रों ने अपनी कामयाबी का राज बच्चों के बीच रखा। बनबसा डिग्री कॉलेज के शिक्षक दिनेश गुप्ता ने इस दौरान अपने विद्यार्थी जीवन के दौरान के कठिन परिश्रम और कैसे उन्हें अपने लक्ष्य में कामयाबी मिली , इन अनुभवों से बच्चों को प्रेरित किया।

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कैलाश उदय चन्द ने बच्चों को अभी से अपनी परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करने के लिए कहा व अपने गोल बड़े कैसे रखें इस बारे में जोर दिया, और उम्मीद जताई कि शारदा इंटर कॉलेज से जल्दी ही स्टेट मेरिट में बच्चे अपना स्थान सुनिश्चित करेंगे।इसके साथ ही संस्था ने प्रयाग बाल विकास अनाथालय की निवेदन पर, चकरपुर के एक प्राइवेट स्कूल में बारहवीं में पढ़ रहे विद्यार्थी लोकेश गडकोटी की फीस की तीन हजार की राशि सीधे स्कूल में जमा कराई उनके शिक्षा को जारी रखने में अहम भूमिका अदा की।

संयोजक कैलाश उदय चन्द ने प्रोजेक्ट बियोंड एजूकेशन टीम द्वारा तीन साल के पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से बनबसा नेपाल सीमा क्षेत्र के निर्धन व जरूरतमंद बच्चो के जीवन मे शिक्षा के उजियारे को बनाये रखने के अपने उद्देश्य के बारे में बताया।साथ ही समय समय पर इन इलाकों में स्मार्ट क्लासेस व कैरियर काउंसलिंग के माध्यम से सीमान्त बच्चो को अपने जीवन मे सफल होने में हर सम्भव मदद संस्था द्वारा किये जाने की बात कही।कैलास उदय चंद ने इस दौरान यह भी कहा कि जिस तरह उन्होंने उत्तराखण्ड से बाहर जाकर भी अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने की इच्छा रखी है।वैसे भी वह चाहते है कि अन्य प्रवासी भी अपने प्रदेश के लिए कुछ ना कुछ अवश्य करे। ताकि उत्तराखण्ड के प्रति अपने कर्तव्य को सभी निभा सके।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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