पिछले डेढ़ माह से परेशान वन व्यवसाइयों ने वन विभाग पर उत्पीड़न का लगाया आरोप,खटीमा वन रेंज कार्यालय पर किया जोरदार धरना प्रदर्शन,परेशान लकड़ी व्यापारियों ने आमरण अनशन व आत्मदाह की भी दे डाली चेतावनी

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हरीश तिवारी,पीड़ित वन व्यवसाई, लकड़ी मंडी खटीमा

खटीमा(उत्तराखंड) – सीमांत खटीमा में पिछले डेढ़ माह से खटीमा के वन व्यवसाइयों की लकड़ी टालो की जांच के नाम पर रवन्ने,निकासी पर लगी रोक के खिलाफ वन व्यवसाई संघ के द्वारा खटीमा वन रेंज कार्यालय में शनिवार को जोरदार धरना प्रदर्शन किया गया।इस अवसर पर वन व्यवसाइयों ने वन विभाग द्वारा लकड़ी के रवन्ने व निकासी पर वन अधिकारियों द्वारा लगाई गई रोक हटाने व खटीमा के लकड़ी व्यवसाइयों पर वन विभाग द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे वापिस किये जाने की मांग की।

हम आपको बता दे कि उच्च अधिकारियों के निर्देश पर पिछले डेढ़ माह से अवैध लकड़ी पातन पर रोकथाम हेतु वन विभाग द्वारा खटीमा पीलीभीत रोड स्थित लकड़ी की टालो पर जहां चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है वही इस दौरान वन व्यवसाइयों के रवन्ने निकासी व लकड़ी चिरान पर भी पूर्ण रोक लगाई गई है।जिससे वन व्यवसाई व उससे जुड़े मजदूर रोजी रोटी को परेशान होने लगे है।

वन अधिकारियों ने जांच उपरांत खटीमा के 32 लकड़ी व्यवसाइयों पर मुकदमे भी दर्ज किए है।इसके बाद वन विभाग की कार्यवाही से परेशान वन व्यवसाइयों ने शनिवार को खटीमा वन रेंज कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर अपना आक्रोश व्यक्त किया।साथ ही वन रेंजर खटीमा राजेन्द्र मनराल से वन व्यापारियों के रवन्ने,निकासी व चिरान पर लगाई रोक हटा सभी लकड़ी व्यापारियों पर दर्ज किए मुकदमे वापस लिए जाने की मांग की है।

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खटीमा वन रेंज ऑफिस में प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने वन विभाग द्वारा वन व्यवसाइयों के उत्पीड़न बंद ना होने, रवन्ने निकासी पर जल्द रोक हटाने व वन व्यापारियों पर दर्ज मुकदमे ना हटने की सूरत पर वन विभाग के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है।साथ ही वन व्यवसाइयों के उत्पीड़न के बंद ना होने पर आत्मदाह जैसे कदम उठाने की भी चेतावनी जारी की गई है।

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इस पूरे मामले में वन रेंजर खटीमा वन रेंज ने कहा की वन विभाग की जांच प्रक्रिया अभी जारी है ।वह वन व्यवसाइयों को आश्वासन देते है की उच्च अधिकारियों से वार्ता कर सोमवार तक रवन्ने व निकासी पर रोक हटा दी जाएगी।लेकिन जो व्यापारी अपनी टालो पर लकड़ी के पपत्र नही दिखा पाएंगे उनकी निकासी व रवन्ने रोक कर अन्य सभी वन व्यापारियों को रवन्ने निकासी जारी कर दी जाएगी।

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वन विभाग के उत्पीड़न के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने वाले वन व्यवसायियों में हरीश तिवारी, रंजन अग्रवाल, जोगेंद्र लाल डाबर, हरीश चंद्र, जाहिद अली, मोहम्मद अकरम, मुकंदी मित्तल, योगेश जोशी, जमील अहमद, चारु तिवारी, अफरोज खान, अतीक अहमद, हरीश कापड़ी, सलीम अंसारी, आबिद अंसारी, राहुल कुकरेती, प्रकाश शर्मा, जाहिद अली, मतलूब,फरीद, हसन, मोहम्मद तारिक कसगर, बिलाल, सुकरर्म अली सहित अन्य व्यवसाई मौजूद रहे।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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