पूर्व दर्जा मंत्री व किसान नेता डॉ गणेश उपाध्याय ने धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में सरकार के मात्र 72 रुपये की बढ़ोत्तरी करने को बताया सूबे के किसानों के साथ मजाक

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रुद्रपुर(उत्तराखण्ड)- प्रदेश के पूर्व दर्जा मंत्री व किसान नेता गणेश उपाध्याय ने राज्य सरकार द्वारा धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 72 रुपये बढ़ोत्तरी करके को सूबे के किसानों के साथ भद्दा मज़ाक करार दिया है।

यह बात डॉ गणेश उपाध्याय प्रवक्ता उत्तराखण्ड कांग्रेस ने उत्तराखंड सरकार के खाद्य मंत्री बंशीधर भगत के धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि करने के परिपेक्ष में कहीं ।डॉ उपाध्याय ने कहा कि वर्तमान समय मे सभी जानते है कि डीज़ल के दाम आसमान छू रहे हैं, खेत जुताई, पौध रोपाई, मड़ाई, खाद, दवाई तथा कटाई सबके दामों में भारी बढ़ौत्तरी हो चुकी है। डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्ट मंहगा हो चुका है, तौल केन्द्रों व मण्डियों तक फसल लाने ले जाने में अतिरिक्त खर्चा करना पड़ रहा है। महंगाई बढ़ने से मजदूरी महंगी हुई है।

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कुल मिला कर देखा जाए तो धान की फसल बोने से कटाई और तौल केंद्रो तक ले जाने में किसान पर 5000 से 6000 रु प्रति एकड़ में लागत बढ़ गयी है।
यदि वर्तमान में धान की फसल की एवरेज निकाले तो लगभग 28 कुंतल प्रति एकड़ आती है, सही मायने में सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य में ₹200 की वृद्धि करनी चाहिए ।

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कांग्रेस प्रवक्ता डॉ उपाध्याय ने सरकार को किसान के हित में यह कदम उठाये जाने की बात कही है।हम आपको बता दे कि डॉ गणेश उपाध्याय जंहा पूर्व दर्जा मंत्री है साथ ही प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के साथ इनकी पहचान वरिष्ठ किसान नेता व जनहित याचिकाकर्ता की भी है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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