खटीमा की भारत नेपाल सीमा पर किसानों का सैकड़ो एकड़ गन्ना व खेत-खलिहान हुए जलमग्न, शारदा सागर डेम का जल स्तर बड़ने से गांव में घुसा पानी,राज्य किसान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह ने मौके पर पहुंच जलमग्न क्षेत्र का लिया जायजा

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खटीमा(उधम सिंह नगर) – उत्तराखंड की भारत नेपाल सीमा से लगे शारदा सागर डैम में यूपी सिंचाई विभाग द्वारा डेम में पानी भरने से सीमांत क्षेत्र में बसे बंधा, बगुलिया, बलुआ खैरानी आदि गांवों की सैकड़ो एकड़ गन्ने की फसल व खेत खलिहान डैम का जल स्तर बढ़ने से पूरी तरह जलमग्न हो गए।

डैम में जल भराव से उत्तराखंड के किसानों के खेतो में तैयार खड़ी गन्ने की फसल सहित खेत खलियान को जहां नुकसान हो रहा है।वही ग्रामीणों के घरों में जल भराव होने से उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ी है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे राज्य किसान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह ने जलमग्न क्षेत्र का नाव से दौरा कर किसानों की फसलों को हुए नुकसान का जायजा लिया।साथ ही यूपी सिंचाई विभाग के अधिकारियों को फोन पर वार्ता कर डेम का जल स्तर कम करने की भी अपील की। साथ ही राज्य किसान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह ने किसानों व ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता कर उनकी इस समस्या की निराकरण का प्रयास करेंगे।

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खटीमा भारत नेपाल सीमा स्थित शारदा सागर डैम से लगे इलाके में बसे बंधा, बगुलिया, बलुआ खैरानी आदि गांवों की सैकड़ो एकड़ गन्ने की फसल व खेत खलिहान डैम का जल स्तर बढ़ने से एक बार फिर पूरी तरह जलमग्न हो गए है। जलभराव से ग्रामीणों के घरों में भी पानी भर गया है। जलभराव से स्थानीय ग्रामीण चिंतित और परेशान है तथा जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।

पीड़ित किसानों की गन्ना सहित अन्य फसल शारदा सागर का जलस्तर बढ़ने से पूरी तरह बर्बाद हो रही है।शारदा सागर डेम का जल स्तर बड़ने से पीड़ित स्थानीय किसानों व ग्रामीणों ने बताया कि वह लोग लगभग 60 वर्षों से यहां बसे हुए हैं तथा खेती एवं मजदूरी कर अपना परिवार पालते हैं, लेकिन हर साल शारदा सागर डेम में यूपी सिंचाई विभाग पानी भर भरकर उत्तराखंड स्थित किसानों की फसलों को बर्बाद और गरीब ग्रामीणों को तबाह कर रहा है। उन्होंने उत्तराखंड के शासन प्रशासन से डैम का जलस्तर कम करने की गुहार लगाई है ताकि समय से खेत में खड़ी गन्ने की सप्लाई फैक्ट्री को हो जाए और जनजीवन भी सुचारू और सामान्य हो जाए। ‌

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वहीं पीड़ित किसानों की सूचना पर पहुंचे उत्तराखंड किसान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह ने खुद नाव में बैठकर ग्रामीणों व किसानों के साथ जलमग्न क्षेत्र का भ्रमण किया तथा किसानों की फसलों के नुकसान का जायजा लिया साथ ही उन्होंने मौके पर ही संबंधित विभागों के अधिकारियों से फोन पर वार्ता कर किसानों की समस्याओं से अवगत कराया तथा तत्काल जल स्तर कम करने की बात कही जिस पर संबंधित विभागों के अधिकारियों द्वारा डैम का जल स्तर कम करने का आश्वासन दिया गया।

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राज्य किसान आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष राज्यपाल ने उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता कर इस समस्या का संज्ञान लेने की बात कही ताकि किसानों की फसल की बर्बादी न हो।हम आपको बता दे की शारदा सागर डैम जहां आधा यूपी व आधा उत्तराखंड में हिस्सा आता है।वही डेम का पूर्ण संचालन यूपी सिंचाई विभाग के अधीन है।उत्तराखंड में डेम के खाली हिस्से में कई वर्षो से किसान रहकर अपनी खेती बाड़ी कर जीवन यापन करते है।वही जब जब यूपी सिंचाई विभाग द्वारा शारदा सागर डेम में पानी भरा जाता है तो उत्तराखंड की भूमि में बसे किसानों की फसलें व घर जल मग्न हो जाते है।जिससे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।वही स्थानीय पीड़ित किसान व ग्रामीण लंबे समय से उत्तराखंड सरकार से इस समस्या के निदान की गुहार लगा रहे है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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