जानिए सड़क दुर्घटना में कहा बाल-बाल बची 18 यात्रियों की जान,कौन बना यात्रियों के लिए देवदूत

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अल्मोड़ा(उत्तराखंड) – कहावत है कि जाको राखे साईंया मार सके न कोय। जी हां। यह वाक्या एक बार फिर चरितार्थ हो उठा। अल्मोड़ा जिले के सल्ट में यात्रियों से भरी एक बस खाई में जा गिरी। लेकिन कुछ ही दूरी पर बस एक चीड़ के पेड से टकराकर रूक गई। जिससे एक बड़ा हादसा होने से टल गया। बस में 18 यात्री सवार थे।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक आदर्श बस सेवा रोज की तरह रामनगर से सराइखेत के लिए जा रही थी। रामनगर-रानीखेत एनएच पर डोटियाल क्षेत्र में चलती बस का अचानक कमानी पट्टा टूट गया। इससे चालक वाहन पर संतुलन खो बैठा और यात्रियों से भरी बस सड़क किनारे पैराफिट को ध्वस्त कर सीधे खाई की ओर जा गिरी। करीब 40 मीटर फिसलने के बाद बस चीड़ के पेड़ से टकरा कर खाई तक पहुंचने से पहले ही अटक गयी। जिससे यात्रियों को मामूली चोटें आई लेकिन उनकी जान बच गई।

पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से यात्रियों को बस से बाहर निकाला। इस बड़ा हादसे के टलने के बाद यात्रियों ने राहत की सांस ली।चीड़ का पेड़ यात्रियों के लिए देवदूत बन कर बस को गहरी खाई में गिरने में सफल रहा।फिलहाल बस में सवार सभी यात्रियों को रेस्क्यू कर लिया गया है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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