
फ्यूचर बायो एनर्जी खरीदेगी जिले के पूरे चीड क्षेत्र का पिरूल। वन विभाग से हुआ अनुबंध।
चंपावत(उत्तराखंड) – हरे भरे वनों से आच्छादित चंपावत वन प्रभाग की हरियाली को लीलने वाला पिरुल अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन गया है इसके लिए डीएफओ नवीन चंद्र पंत द्वारा महत्वपूर्ण पहल करते हुए मेंसर्स फ्यूचर बायो एनर्जी कंपनी,बरा से पांच साल का अनुबंध कर लिया है जिसके तहत कंपनी जिले के 40 हजार हेक्टर क्षेत्रफल में फेले चीड़ के जंगलों का पिरुल खरीदेगी। इस संबंध में डीएफओ एवं कंपनी के एमडी भारत डागा एवं उनके पार्टनर मनोज डागा से बाकायदा एमओयू हो चुका है। यह कार्य ऐसे दिन किया गया जब पृथ्वी दिवस के अवसर पर बदलती जा रही पर्यावरणीय परिस्थितियों पर सर्वत्र चिंता व चिंतन किया जा रहा था। डीएफओ के अनुसार जिले के सात रेंजो में जहां 40 हजार हेक्टेयर क्षेत्र चीड से आच्छादित है उसमें सर्वाधिक क्षेत्र देवीधुराव भिंगराडा रेंज में आता हे। प्रारंभिक चरण में यह अनुबंध 5 साल के लिए किया गया है जिसमें कंपनी जिले का पूरा पिरूल खरीद कर इसके ब्रैकेट बनाएगी।
मालूम हो कि राज्य सरकार द्वारा पहले तीन रूपए प्रति किलो की दर से पिरुल क्रय किया गया बाद में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी द्वारा इसकी दरें मेंवृद्धि कर ₹10 प्रति किलो ग्राम की गई है। इसके बाद भिगराड़ा में महिला द्वारा वन विभाग के सहयोग से पिरुल के ब्रिकेट बनाने शुरू कर दिये गए लेकिन ब्रिकेट की स्थानीय स्तर पर खपत ना होने से महिलाएं भी निराश थी ।डीएफओ श्री पंत ने वनों को बचाने के लिए किये जा रहे लगातार नवाचार प्रयासों की विगत दिनों क्षेत्रीय भ्रमण पर आए मुख्य वन संरक्षक द्वारा भी उनकी पीठ थप थपाई गई थी। क्षेत्रीय लोगों एवं जनप्रतिनिधियों ने डीएफओ की इस पहल का स्वागत करते हुए इस एमओयू को पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण पहल बताया गया है।
फोटो ।फ्यूचर बायो एनर्जी के बीच एमओयू का आदान-प्रदान करते डीएफओ नवीन पंत एवं कंपनी के एमडी भारत डागा व पार्टनर मनोज डागा ।






