खटीमा(उत्तराखण्ड)- उत्तराखण्ड में राज्य आंदोलन के दौरान 1 सितंबर 1994 को खटीमा में हुए गोलीकांड की 26 वीं बरसी पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा के पुरानी तहसील स्थित निर्माणाधीन शहीद स्मारक में पहुंच शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को शॉल उड़ाकर भी उनका सम्मान किया। साथ ही राज्य आंदोलनकारी व सीमांत जनता को संबोधित करते हुए खटीमा को राज्य आंदोलन की अग्रणी भूमि बताया।
हम आपको बता दे कि राज्य गठन के 20 सालों में पहली बार जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर खटीमा गोलीकांड की बरसी में श्रद्धा सुमन अर्पित करने पुष्कर सिंह धामी पहुंचे हैं। वही इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए उनको कई तोहफे भी घोषणाओं के रूप में प्रदान किए। मुख्यमंत्री धामी ने जहां खटीमा गोलीकांड के कार्यक्रम को आगे से सरकारी कार्यक्रम घोषित करने की घोषणा की। साथ ही राज्य आंदोलनकारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को भी पेंशन दिए जाने की घोषणा की।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार जो आंदोलनकारी नौकरी कर रहे हैं उन्हें हटाए जाने के निर्देश पर भी सरकार द्वारा इसकी पैरवी करने की मंच से बात कही। मुख्यमंत्री ने प्रदेश भर में जो आंदोलनकारी चिन्हीकरण से वंचित रह गए हैं एक बार फिर सरकार द्वारा चिन्हीकरण की कार्रवाई को शुरू करने की भी इस अवसर पर घोषणा की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जल्द ही आन्दोलनकारियो को 10% आरक्षण की भी सरकार द्वारा पैरवी की जाएगी। साथ ही मुख्यमंत्री ने शहीदों के सपनों के उत्तराखंड को आगे बढ़ाते हुए अगले 10 सालों में उत्तराखंड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की भी बात कही।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलन शहीदो को भी शॉल उड़ाकर उन्हें सम्मानित किया।
खटीमा गोलीकांड की 26 वी बरसी कार्यक्रम में राज्य किसान आयोग के उपाध्यक्ष सरदार राजपाल सिंह ,कार्यक्रम का संचालन कर रहे वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी अमित पांडे,वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी दान सिंह रावत,शेर सिंह दिगारी,भगवान जोशी, नंदन सिंह खड़ायत,रमेश चंद्र जोशी,कुशल सिंह कन्याल,सांसद प्रतिनिधि दीपक तिवारी,हरीश जोशी,सहित क्षेत्र के आंदोलनकारी व प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे।