बनबसा(उत्तराखंड)- होली पर्व के दिन उत्तराखंड के सीमांत बनबसा इलाके में 3 घरों में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। शुक्रवार के दिन जहां बनबसा के चंदनी इलाके की हुड्डी नदी में 2 छात्रों के डूबने से उनकी दुखद मौत हो गई। वही त्यौहार के दिन 2 छात्रों की मौत के बाद फैली शोक की लहर से बनबसा क्षेत्र मातम पसर गया। 2 छात्रों की मौत से जहां पूरा इलाका गम हीन था वही दोपहर बाद एक और मनहूस खबर बनबसा वासियों को मिली। बनबसा के फागपुर इलाके के रहने वाले छात्र अनुज कुमार उम्र 16 वर्ष शारदा नहर में डूबने की वजह से लापता हो गया। वही उसके साथियों ने इसकी सूचना जहां बनबसा पुलिस को दी वहीं सूचना मिलते ही बनबसा थाने के थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह जगवाण ने शारदा नदी में डूबे छात्र की जल पुलिस के साथ तलाश शुरू कर दी।वही देर शाम तक शारदा नदी में डूबे बच्चे का कोई पता नहीं चल पाया है।
इस पूरी दुखद घटना के बारे में मिली जानकारी के अनुसार फागपुर में रहने वाले अनुज कुमार पुत्र ललित कुमार जहां होली खेलने के बाद अपने साथियों के साथ मिलिट्री केंट से पीछे बहने वाली शारदा नदी में नहाने गए थे। नहाने के दौरान गहरे पानी में उतरने से अनुज पानी में डूब गया।दिन में लगभग एक बजे हुई इस घटना के बाद पानी में डूबे अनुज के साथी घबरा गए।लेकिन बाद में उन्होंने इस घटना की सूचना लगभग चार बजे बनबसा थाने में पहुंच पुलिस को दी।सूचना मिलने पर बनबसा थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह जगवाण घटना स्थल पर पहुंचे।साथ ही जल पुलिस के माध्यम से शारदा नदी में डूबे छात्र की तलाश शुरू कर दी।हालाकि शाम तक एसडीआरएफ की टीम भी बनबसा पहुँच गई।लेकिन नदी में डूबे बच्चे का कोई पता नही चल सका।
वही बनबसा थाने के एसओ लक्ष्मण सिंह जगवाण ने बताया कि शारदा नदी में फागपुर निवासी अनुज (16 वर्ष) के डूबने की सूचना मिलने के साथ ही जल पुलिस व एसडीआरएफ की मदद से डूबे बच्चे अनुज की तलास नदी में की जा रही है।लेकिन देर शाम तक नदी में अनुज का कोई पता नही लग पाया है।अंधेरे की वजह से रेस्क्यू अभियान रोक दिया गया है।शनिवार सुबह से फिर से नदी में डूबे अनुज की खोज में रेस्क्यू अभियान फिर शुरू किया जाएगा।फिलहाल एक ही दिन में होली पर्व पर जंहा तीन घरों के चिराग हुड्डी व शारदा नदी ने एक झटके से बुझा दिए।वही बनबसा के तीन छात्रों की होली के त्यौहार पर मौत उनके परिजनों को वह गम दे गई।जो हर होली को उन्हें अपने जिगर के टुकड़ों की याद दिलाता रहेगा।होली का काला शुक्रवार बनबसा वासियो के लिए इतना मनहूस बन कर आया।जिसने पूरे सीमांत इलाके को शोक की चादर से ढक दिया।