जनपद में एसडीएम के रूप में पहली पोस्टिंग में उनकी कार्यप्रणांली की कायल रही जनता
चंपावत को मॉडल जिला बनाने की नए डीएम के लिए होगी बड़ी चुनौती
गणेश पांडे,वरिष्ट पत्रकार,चंपावत।
चंपावत(उत्तराखंड)- चम्पावत जिले को नवनीत पांडे के रूप में एक ऐसे जिलाधिकारी मिले हैं जो काम करते हुए न कभी थकते हैं और न हीं थकान उनके चेहरे की मुस्कान पर असर दिखाती है। नवनीत जिले के लिए कोई नये नहीं है। मां बाराही एवं मां पूर्णागिरि के उपासक श्री पांडे ऐसे भाग्यशाली व्यक्ति हैं जिन्होंने 2005 में उत्तराखंड के पहले पीसीएस अधिकारी बैच के रूप में चंपावत जिले में ही ट्रेनिंग लेने के साथ इन्हें पूर्णागिरि टनकपुर में एसडीएम के रूप में अपनी सेवाएं देने का मौका मिला था।
आज वही अधिकारी पहली बार एक जिलाधिकारी के रूप में चंपावत जिले से ही अपनी दूसरी पारी की शुरुआत कर रहे हैं ।टनकपुर में एसडीएम रहते हुए इन्होंने पूर्णागिरि मेले को ऐसा व्यवस्थित रूप दिया जिससे मेले में आने वाले तीर्थ यात्रियों को काफी राहत मिली थी। जिसके लिए इन्हें याद भी किया जाता है। 48 वर्षीय श्री पांडे को 2015 में आईएएस केडर मिला है ।इनकी ईमानदारी एवं कार्य के प्रति समर्पण भाव को देखते हुए सीएम धामी ने इन्हें अपना अपर सचिव का दायित्व सौंपा।
अब चंपावत को मॉडल जिला बनाने के लिए जिला अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है। मूल रूप से ढोलीगांव नैनीताल निवासी श्री पांडे के पूर्वज चंपावत के सिमल्टा गांव से ही गए हैं। इनकी पारिवारिक ऐसी पृष्ठभूमि रही है कि इनके परिवार के लोग शीर्ष पदों में कार्यरत हैं। श्री पांडे का जिलाधिकारी के रूप में लोग इस बात के लिए उनका विशेष स्वागत कर रहे हैं कि अब सीएम धामी की परिकल्पना के अनुरूप चंपावत को मॉडल जिला बनाने के कार्य को युद्ध स्तर पर शुरू किया जाएगा। जिले के विकास में ऐसी नई पारदर्शी कार्य संस्कृति विकसित होगी जिसमें विकास के साथ रोजगार के नए अवसर पैदा किए जाएंगे तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलने के साथ प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी। चंपावत को ऐसा मॉडल रूप मिलेगा जिसका अनुसरण अन्य हिमालयी राज्यों के लोग भी कर सकें।