सरकारी तालाब खुदाई की आड़ में खटीमा में चल रहा अवैध खनन का खेल,राजस्व को पहुंचाया जा रहा है लाखो का चुना,सिस्टम खामोश,देखे वीडियो

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बेबाक उत्तराखंड”एक्सक्लूसिव”

खटीमा(उधम सिंह नगर)- उधम सिंह नगर जिले की सीमांत खटीमा तहसील क्षेत्र में मिट्टी खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। खटीमा तहसील क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में जहां अवैध मिट्टी खनन के लगातार मामले सामने आ रहे हैं वही अब सरकारी तालाबों की खुदाई की आड़ में मिट्टी खनन माफिया जेसीबी के माध्यम से धरती का सीना चीर लाखो के वारे न्यारे कर रहे है।खटीमा में अवैध मिट्टी खनन का खेल अपने पूरे शबाब पर है लेकिन प्रशासन हो या पुलिस इस विषय पर फिलहाल मुकदर्शक ही बनी नजर आ रही है।

ताजे मामले में खटीमा के खेतलसंडा खाम इलाके में सरकारी तालाब की खुदाई की आड़ में जमकर नियमो को ताक पर रख रात दिन खनन माफियाओं द्वारा मिट्टी खनन को अंजाम दिया गया है।सूत्रों के अनुसार बिना परमिशन के ही तालाब को दो जेसीबी व बीस से पच्चीस ट्रैक्टर ट्रालियों के माध्यम से खोद डाला गया।स्थानीय लोगो के अनुसार रात के समय भी खनन माफियाओं की जेसीबी सरकारी तालाब के रूप में चिन्हित भूमि पर गरजती रही।लेकिन पुलिस हो या प्रशासन कोई इस अनैतिक कार्य को रोकने खेतलसंडा खाम इलाके में नही पहुंचा। खनन माफियाओं ने तीन दिनों में रात दिन खनन कर सैकड़ों ट्राली मिट्टी को बेच डाला,जिससे लगभग 14 से 15 लाख के राजस्व का चुना खनन माफियाओं द्वारा राजस्व विभाग को लगाया गया है।तालाब से खुदी मिट्टी खटीमा क्षेत्र के विभिन्न निर्माणाधीन भवनों की नीवो में भरकर लाखो रूपयो में मिट्टी खनन माफियाओं द्वारा बेच दी गई है।

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इसके अलावा खनन माफियाओं ने इस दौरान खनन नियमों की भी जमकर धज्जियां उड़ाई हैं खेतलसंडा खाम इलाके के तालाब को लगभग दस फीट गहरा खोद दिया गया है।जिससे जमीन के नीचे से पानी निकलने लगा है।साथ ही तालाब की मुंडेर का निर्माण भी मौके पर नही हुआ है।जिससे स्थानीय ग्रामीणों की बरसात में कृषि भूमि के बहने व अत्यधिक गहरे होने से लोगो की जान को भी खतरा पैदा हो सकता है।जिसकी आशंका स्थानीय लोग अब व्यक्त कर रहे है।

खटीमा के खेतलसंडा खाम में खुदा तालाब

वही गौरतलब है की हाईकोर्ट के निर्देश पर इस तरह के सरकारी तालाब जो अब अस्तिव में नहीं है जिनकी भूमि पर अवैध कब्जे हो चुके है ,उनके अतिक्रमण को प्रशासन द्वारा हटाकर उन तालाबों को पुनर्जीवित किया जा रहा है।खटीमा में भी प्रशासन सरकारी तालाबों के अतिक्रमण को हटा उनकी खुदाई करवा उनको पुन अस्तित्व में ला रहे है। लेकिन सरकारी तालाबों की खुदाई की आड़ में खटीमा क्षेत्र के खनन माफिया भी सक्रिय हो गए।जो स्थानीय सिस्टम से मिली भगत कर जब कर जमीन का सीना चीर कर अवैध मिट्टी खनन को अंजाम दे मोटी कमाई कर रहे है।साथ ही राजस्व को भी लाखो रूपयो की चपत लगा रहे है।

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खटीमा तहसीलदार शुभांगनी ने सरकारी तालाब की भूमि पर अवैध खनन के सवाल पर कार्यवाही की कही बात

खेतलसंडा खाम इलाके में मिट्टी खनन माफियाओं द्वारा सरकारी तालाब को खनन नियमो के विरुद्ध दिन रात खोदने व बिना परमिशन के खोदे जाने के सवाल पर तहसीलदार खटीमा ने उक्त मामले के संज्ञान में ना होने व मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आने की बात कही है।साथ ही राजस्व उप निरीक्षक द्वारा मामले की जांच करा नियम विरुद्ध अवैध खनन करने का मामला सामने आने पर कड़ी कार्यवाही की बात कही है।

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सत्ताधारी पार्टी से जुड़े बताए जा रहे खनन से जुड़े लोग

खटीमा में सत्ता की धमक दिखा कर कुछ लोग लगातार अवैध मिट्टी खनन को अंजाम दे रहे है। खेतलसंडा खाम इलाके में भी सरकारी भूमि पर अवैध खनन को अंजाम देने वालो में स्थानीय लोगो के अनुसार सत्ताधारी पार्टी का एक नेता बताया जा रहा है।जबकि इस कार्य में उसके तीन चार अन्य साथी भी जुड़े हुए थे।जो हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला दे सरकारी तालाब की चिन्हित भूमि को खोदे जाने से किसी भी हालत में ना रोक पाने का स्थानीय ग्रामीणों को हवाला दे रहे थे।फिलहाल खटीमा में अवैध मिट्टी खनन का खेल बदस्तूर जारी है।इसे कोई रोक सके इस तरह की मजबूत इच्छा शक्ति भी स्थानीय प्रशासन व पुलिस में नहीं दिखाई दे रही है।सिर्फ उच्च अधिकारियों के निर्देश पर कार्यवाही की औपचारिकता ही फिलहाल खटीमा में कभी-कभी होती नजर आ जाती है।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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