नासिक होटल में बंधक चार उत्तराखंडी युवाओ को आखिर किस तरह प्रवासी उत्तराखण्डियों ने बचाया,आप भी पढ़े पूरी खबर

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मुंबई(महाराष्ट्र)- वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल मे जहां अधिकतर प्रवासी उत्तराखंडी जो नोकरी की तलाश में अन्य राज्यो में गए थे उनकी वापसी हो चुकी हो लेकिन कुछ उत्तराखंडी आज भी ऐसे है जो विषम परिस्थितियों में अन्य राज्यो में फंसे है।ऐसे ही उत्तराखण्ड मुनस्यारी के चार युवाओ को मुंबई में बसे प्रवासी उत्तराखंडिओ ने मुसीबत से निकाल कर उन्हें सकुशल उनके घर उत्तराखण्ड भेजने का नेक काम किया है।

इस पूरे प्रकरण में चार युवा जो कि उत्तराखण्ड पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी तहसील के निवासी है।रोजगार की तलाश में मुंबई के पूना एक होटल में काम करने को गए थे।मुनस्यारी के रोहित बृजवाल निवासी (बौना गांव)गौरव चिराल(चौना गांव) प्रकाश कुंवर(निवासी सेलमाली गांव) व दीपू तोमक्याल (तोमिक गांव) घर की आर्थिक स्थिति सही ना होने के चलते बीते वर्ष से मुंबई के नासिक में एक होटल में नोकरी कर रहे थे।मार्च माह में लगे लॉक डॉउन के बाद यह युवा भी अन्य लोगो की तरह अपने घर वापस उत्तराखण्ड आना चाहते थे लेकिन दुष्ट किस्म के होटल मालिक ने इन युवाओ को वापस घर नही आने दिया साथ ही वह उन्हें होटल में ही बंधक बना उनसे काम लेता रहा।घर जाने की इच्छा जाहिर करने पर होटल मालिक चारो उत्तराखंडी युवाओ के साथ गाली गलौज व मारपीट भी करता था।जिस वजह से गौरव चिराल नाम का युवा मानसिक अवसाद की स्थिति में पहुँच गया।उसने खाना पीना व बोलना तक छोड़ दिया था।

उसके साथियों ने किसी तरह इस बात की सूचना उत्तराखण्ड में अपने परिजनों को पहुँचाई।गौरव चिराल की माता श्रीमती कलावती देवी जो कि विधवा महिला है साथ ही आर्थिक स्थिति भी काफी दयनीय स्थिति में है।उन्होंने मदकोट के दिनेश भंडारी के माध्यम से मुंबई के प्रवासी प्रयाग रावत से सम्पर्क कर मदद की गुहार लगाई।प्रयाग रावत ने गौरव के परिजनों को मदद का आश्वासन ने मुंबई के प्रवासी नरेंद्र जंगपांगी,आयकर आयुक्त,व्यवसायी मनोज भट्ट,व प्रवीण ठाकुर से सम्पर्क कर उत्तराखण्ड के चार युवाओ के फंसे होने की जानकारी साझा की।साथ ही उत्तराखण्ड के इन प्रवासियों ने आपस मे मिल जुलकर चारो उत्तराखंडी युवाओ को बचाने की योजना पर काम करना शुरू किया।

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इस मामले को लेकर प्रवासी नरेंद्र जंगपांगी ने नासिक पुलिस से सम्पर्क कर युवाओ के होटल में फंसे होने की बात करी।पुलिस के होटल में जाने के बाद भी होटल मालिक ने चारों उत्तराखंडी युवाओ को परेशान करना नही छोड़ा साथ ही वह अपनी ऊँचे रसूख का प्रभाव भी दिखाता रहा।इस पर प्रवासी उत्तराखण्डियों ने होटल मालिक से चारो युवाओ को घर भेजने व उनका पैसा देने की बात कही।लेकिन होटल मालिक अपनी दुष्ट आचरण के चलते फिर भी नही माना।

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जिस पर उत्तराखण्ड के प्रवासियों प्रयाग रावत ने जहां एक शिकायती पत्र पीड़ित गौरव की माता जी के माध्यम से महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास भिजवाया साथ गई उधोगपति मनोज भट्ट व जगदीश सामंत द्वारा स्वंयम भी इस प्रकरण को राज्यपाल के समक्ष रखा गया।जिसके बाद राज्यपाल कार्यालय द्वारा ने इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए नासिक प्रशासन से सम्पर्क कर इस प्रकरण पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश जारी किए।जिस पर नासिक प्रशासन के दबाव पर आखिर कर होटल मालिक लाइन पर आ ही गया।नासिक निवासी प्रवासी उत्तराखंडी घनश्याम भट्ट ने अन्य उत्तराखण्डियों के साथ होटल में पहुँच प्रशासन की मदद से जहां चारो युवा गौरव ,रोहित दीपू व प्रकाश को होटल मालिक के चुंगल से मुक्त कराया।साथ ही उनके काम का पैसा भी चारो उत्तराखंडी युवाओ को दिलाया गया।घनश्याम भट्ट व अन्य उत्तराखण्डियों ने चारों युवाओ के टिकट की व्यवस्था कर उन्हें नासिक से उत्तराखण्ड सकुशल भिजवा दिया।

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इस पूरे मामले में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के दखल व प्रवासी उत्तराखंडी के संयुक्त प्रयासों से आखिरकार चारो उत्तराखंडी युवाओ को बचाया जा सका।चारो युवा जंहा अपने घर मुनस्यारी पहुँच चुके है।वही उनके परिजनों ने भी प्रवासी उत्तराखण्डियों व राज्यपाल महोदय भगत सिंह कोश्यारी जी का आभार व्यक्त किया है।चारो उत्तराखंडी युवाओ को बचाने में प्रवासी उत्तराखंडी प्रयाग रावत, नरेंद्र जंगपांगी,मनोज भट्ट,प्रवीण ठाकुर,घनश्याम भट्ट व अन्य उत्तराखण्डियों ने कड़ी शिद्दत के साथ अपनी जन्मभूमि के युवाओ को बचाने में सराहनीय प्रयास किया।जिसके प्रयासों की मुंबई से लेकर उत्तराखण्ड तक अब सराहना हो रही है।कि किस तरह प्रवासी उत्तराखण्डियों ने एक सूचना पर ही अपनी मातृभूमि उत्तराखण्ड के चार युवाओ को बचाने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी।

(इस खबर की पूर्ण जानकारी इस मुहिम से जुड़े पिथौरागढ़ के खनफर गांव से लगभग बीस वर्ष पहले मुंबई जाकर बसे मनोज भट्ट जी द्वारा दी गई है।मनोज भट्ट वर्तमान में जहां मुंबई में एक सफल ट्रांसपोर्ट व्यवसायी है।वही उत्तराखण्ड के हर व्यक्ति की मुंबई में मदद को हमेशा आगे आते रहे है।)

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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