खटीमा(उत्तराखंड)- उधम सिंह नगर जिला प्रशासन द्वारा राज्य आंदोलनकारी चिन्हीकरण समिति की 20अगस्त को आहूत बैठक के बाद खटीमा के प्रमुख राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी पर गंभीर आरोप लगाने वाला वायरल पत्र जारी होने के बाद स्थानीय राज्य आंदोलनकारियों में आक्रोश है। जिलाधिकारी उधम सिंह नगर द्वारा आदेशित वायरल पत्र में बैठक में बिना बुलावे के राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी ने जहां शिरकत की थी।साथ ही 634 चिन्हित राज्य आंदोलनकारी को अखबार की कटिंग के आधार पर राज्य आंदोलनकारी घोषित होने का विरोध दर्ज किए जाने का आरोप लगाया गया है। साथ ही उक्त पत्र में जोशी द्वारा उन्हें निरस्त करने की मांग की भी बात कही गई है।उक्त प्रकरण में वायरल पत्र में जिला प्रशासन द्वारा राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी पर उक्त प्रकरण में गंभीर आरोपों का हवाला दे अब उक्त मामले में 634 चिन्हित राज्य आंदोलनकारी की पुन जांच हेतु शासन को पत्र लिखने की बात कही गई है।
राज्य आंदोलन के दौरान अपनी अहम भूमिका निभाने वाले प्रमुख राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी पर वायरल पत्र में प्रशासन के आरोपों के बाद क्षेत्र के राज्य आंदोलनकारियों में खासा आक्रोश है।राज्य गठन के बाद लगातार राज्य आंदोलनकारियों के हितों की लड़ाई लड़ने वाले प्रमुख राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी पर प्रशासन के आरोपों पर आपत्ति व्यक्त करते हुए उत्तराखंड शासन द्वारा जिला चिन्हीकरण समिति के सदस्य बनाए गए प्रमुख राज्य आंदोलनकारी एड गोपाल सिंह बिष्ट ने वायरल पत्र पर आपत्ति व्यक्त कर जिला प्रशासन के भगवान जोशी पर लगाए आरोपों पर झूठा व मनगढ़ंत बताया है।
उक्त पूरे प्रकरण पर एड बिष्ट ने पत्र जारी कर 20 अगस्त को जिला प्रशासन के साथ हुई पूरी बैठक की सच्चाई को समस्त राज्य आंदोलनकारियों के सामने रखा है।साथ ही वायरल पत्र के आधार पर प्रशासन के द्वारा खटीमा के वरिष्ट व प्रमुख राज्य आंदोलनकारी पर लगाए गए आरोपों को निराधार,झूठे व मनगढ़ंत बताया है।
शासन द्वारा नियुक्त जिला चिन्हीकरण सदस्य एडवोकेट गोपाल सिंह बिष्ट ने बताया की 20-08-22 को जिला चिन्हीकरण समिति की बैठक जो कि जिलाधिकारी उधम सिंह नगर द्वारा जिला मुख्यालय में आहूत की गई थी। उनके द्वारा उक्त बैठक में भागीदारी की गई थी. तथा भगवान जोशी S/O देवी दत्त जोशी जिनके पास आंदोलनकारी चिन्हीकरण से सम्बंधित समस्त दस्तावेज मौजूद हैं, को उनके द्वारा ही आग्रह किया गया कि आंदोलनकारियों का पक्ष मजबूती से रखने के लिए वह भी सहयोगी के रूप में मेरे साथ बैठक में चलें। क्योंकि वह स्वयं बैठक में मौजूद थे समिति के समक्ष भगवान जोशी ने 634 चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण प्रक्रिया व उसके ओचित्य पर कोई प्रश्न नहीं उठाया तथा ना ही उनके निरस्तीकरण की बात की।आरोप पूरी मनगढ़ंत तथा बेबुनियाद है। एड बिष्ट ने प्रशासन द्वारा 634 चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण पर पुन विचार हेतु शासन को प्रस्ताव भेजे जाने को भी न्याय संगत नही बताया है।
जिला चिन्हीकरण समिति सदस्य एड गोपाल सिंह बिष्ट द्वारा जिला प्रशासन के वायरल पत्र में प्रमुख राज्य आंदोलनकारी भगवान जोशी पर लगाए झूठे आरोपों के संदर्भ में असल हकीकत जारी करने को जारी किया गया पत्र
समस्त खटीमा क्षेत्र के चिन्हित उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारियों को जिला चिन्हीकरण समिति में शासन द्वारा नियुक्त सदस्य एडवोकेट गोपाल सिंह बिष्ट निवासी चकरपुर तहसील खटीमा उधमसिंहनगर की और से यह जानकारी सार्वजनिक कि जाती है कि दिनांक 20-08-22 को जिला चिन्हीकरण समिति की बैठक जो कि माननीय जिलाधिकारी महोदय द्वारा आहूत की गई थी. मेरे द्वारा उक्त बैठक में भागीदारी की गई थी. तथा भगवान जोशी S/O देवी दत्त जोशी जिनके पास आंदोलनकारी चिन्हीकरण से सम्बंधित समस्त दस्तावेज मौजूद हैं, को मेरे द्वारा ही आग्रह किया गया कि आंदोलनकारियों का पक्ष मजबूती से रखने के लिए वह भी सहयोगी के रूप में मेरे साथ चलें. जैसा कि उपजिलाधिकारी कार्यालय खटीमा से वायरल Whatsap सूचना के आधार पर जिला प्रशाशन द्वारा यह आरोप भगवान जोशी s/o देवी दत्त जोशी पर लगाया जा रहा है कि उनके द्वारा चिन्हित 634 राज्य आन्दोलनकारियों को अखबार कि कटिंग के आधार पर घोषित किये जाने पर बैठक में आपत्ति प्रकट की गई तथा उनके द्वारा उन्हें निरस्त करने कि मांग की गई. यह आरोप पूर्णतया मन गड़ंत है तथा पूरी तरह आपत्तिजनक है..
स्वयं जिलाधिकारी महोदय द्वारा ही बैठक में खुलासा किया गया कि पूर्व में घोषित 634 तथा वर्तमान में वंचित 253 समस्त राज्य आंदोलनकारी अखबार की कटिंग पर आधारित सूचना के आधार पर घोषित हुए हैं तथा आगे घोषित किये जाने हेतु दबाव बना रहे हैं. मैं अखबार की कटिंग पर आन्दोलनकारियों का चिन्हीकरण नहीं करूंगा. आप सभी को शासनादेश के अनुसार साक्ष्य प्रस्तुत करने होंगे, इस खबर का उल्लेख दिनांक 21-08-2022 के अमर उजाला समाचार पत्र में उल्लेखित है. जिससे प्रशाशन के द्वारा भगवान जोशी s/o देवी दत्त जोशी पर लगाये गए आरोप का मनतब्य झूठा साबित होता है. उपरोक्त पूरे मामले पर मैंने तथा मेरे सहयोगी भगवान जोशी ने पुरजोर विरोध किया, तथा हमारे द्वारा समिति को बताया गया कि घोषित 634 तथा वंचित 253 आन्दोलनकारी पुलिस तथा LIU व चिन्हीकरण समिति की सिफारिश तथा संसुति पर आधारित है, जिनके की साक्ष्य समान हैं अतः 253 वंचित राज्य आन्दोलनकारियों का चिन्हीकरण 634 चिन्हित राज्य आन्दोलनकारियों के आधार पर समान मानक के अनुसार सुनिश्चित किया जाना चाहिये. अतः खटीमा के समस्त राज्य आन्दोलनकारियों को मात्र अख़बार की कटिंग के आधार पर चिन्हित मानना गलत होगा.
उपरोक्त समस्त चिन्हित एवं वंचित आन्दोलनकारियों के सम्पूर्ण साक्ष्य हमारे पास मौजूद हैं. लेकिन जिला चिन्हीकरण समिति की प्रशाशनिक इकाई ने बदनियती से भगवान जोशी S/O देवी दत्त जोशी को आरोपित कर उन्हें तथा 634 चिन्हित राज्य आंदोलनकारीयों को जबरन बलि का बकरा बनाने की साजिश रच ली है. जिसके तहत 253 वंचित राज्य आन्दोलनकारियों को भी चिन्हीकरण के दायरे से बाहर रखा जा रहा है.
प्रशासन के दावे की सच्चाई वास्तविक तथ्यों से परे है,
यहाँ आपको यह बताना भी न्यायसंगत होगा कि जिन 634 चिन्हित राज्य आन्दोलनकारियों को जिला प्रशाशन द्वारा जान बूझकर चुनौती दी जा रही है. उनकी जांच वर्ष 2019 में न्यायालय के आलोक में तत्कालीन D.M. उधमसिंहनगर डाक्टर नीरज खैरवाल महोदय की सिफारिश पर तथा शासन के निर्देश पर कुमायूं कमिश्नर महोदय द्वारा संपन्न कर दिनांक 6फरवरी2021
को सकारात्मक रिपोर्ट शासन को प्रस्तुत कर दी गई हैं, जिसमे कहा गया है कि खटीमा से चिन्हित सम्पूर्ण 811 राज्य आंदोलनकारी जिसमे की 634 राज्य आंदोलनकारी पुलिस व LIU की पूछताछ की रिपोर्ट पर आधारित हैं. का चिन्हीकरण सुस्पष्ट 5 बिन्दुओं पर जारी शासनादेश के अंतर्गत ही हुआ है. तथा उपरोक्त 634 के खिलाफ कार्यवाही अमल में नहीं लाइ जा सकती है, अतः खेद का विषय है कि जिला प्रशाशन द्वारा हमारे बैठक से बाहर आने के बाद 634 आन्दोलनकारियों के खिलाफ यह घातक निर्णय लिया गया. जिसकी कि में घोर निन्दा करता हूँ, अतः आप समस्य राज्य आंदोलनकारीयों से आवाहन करता हूँ कि धैर्य व संयम से काम लें पूरे प्रकरण पर माननीय मुख्यमंत्री महोदय से संपर्क किया जा रहा है. जरुरत पड़ी तो झूठ का पर्दाफाश करने के लिये जन आन्दोलन भी खड़ा किया जाएगा तथा आवश्यकता पड़ने पर न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
आपका शुभचिंतक,
एडवोकेट गोपाल सिंह बिष्ट (प्रमुख राज्य आंदोलनकारी) सदस्य जिला चिन्हीकरण समिति खटीमा उधमसिंहनगर।