खटीमा के झाऊ परसा इलाके में वन विभाग ने आदमखोर बाघ को आखिर पकड़ा,जानिए पकड़े जाने से पहले कितने लोगो को बाघ ने बनाया था अपना निवाला

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खटीमा(उत्तराखंड)- सीमांत खटीमा के सुरई वन रेंज की टीम ने काफी कोशिशों के बाद आखिरकार खटीमा के झाऊ परसा इलाके में आतंक का पर्याय बन चुके आदमखोर बाघ को पकड़ने में सफलता पा ही ली है। खटीमा वन विभाग के साथ वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट और पशु चिकित्सकों की टीम ने आदमखोर बाघ को ट्रेंकुलाइज कर बेहोश का पकड़ लिया है। बेहोश आदमखोर बाघ को पिंजरे में कैद कर नैनीताल जू को वन विभाग द्वारा भेजा जा रहा है।

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हम आपको बता दे की खटीमा में सुरई वन रेंज से लगे झाऊपरसा सहित अन्य गांवो में विगत एक माह से आदमखोर बाघ का खौफ पसरा हुआ था। आदमखोर बाघ द्वारा झाऊ परसा इलाके में 13 मई और 25 मई को दो ग्रामीणों हमला कर मार डाला था। जिसके बाद से वन विभाग द्वारा आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए घटनास्थल पर पिजड़े लगा कर उसे दबोचने की कवायत की जा रही थी। साथ ही ड्रोन से लगातार बाघ की मूवमेंट की मॉनिटरिंग की जा रही थी। वन विभाग के लाख प्रयासों के बावजूद भी आदमखोर बाघ पिंजरे में कैद नहीं हो पा रहा था।इस दौरान आदमखोर बाघ के खौफ से कई ग्रामीणों द्वारा घर छोड़कर पलायन भी किया गया था।

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वही बीती शाम को मुख्य वन संरक्षक उत्तराखंड द्वारा बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिलने के बाद 2 पशु चिकित्सक व एक वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए खटीमा पहुंचे थे।मंगलवार की सुबह से ही वन विभाग, पशु चिकित्सकों वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट की संयुक्त टीम द्वारा पूरनपुर रोड पर आदमखोर बाघ को ट्रेस कर उसे ट्रेंकुलाइज किया गया। बाघ को बेहोश कर सुरई वन रेंज के ऑफिस में लाया गया जहां से उसे नैनीताल जू ले जाया जाएगा।बाघ को पकड़ने वाली टीम में प्रशिक्षु आई एफ एस डी नायक,सुरई वन रेंज के रेंजर सुधीर कुमार,डिप्टी रेंजर सतीश रेखाड़ी,वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट टीम व डॉक्टर के अलावा खटीमा सुरई वन रेंज स्टाफ शामिल रहा।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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