खटीमा(उत्तराखण्ड)- सीमान्त खटीमा क्षेत्र में मॉर्डन यूटोपियन सोसायटी जहां अनवरत कई वर्षों से सामाजिक दायित्वों के निर्वहन व सँस्कृति व साहित्य संरक्षण हेतु कार्यक्रमो के आयोजन करती आई है।वही एक बार फिर 14 दिवस हिंदी दिवस के अवसर पर भी संस्था के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर जोशी ने खटीमा के थारू राजकीय इंटर कॉलेज में स्थित अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सभागार में विचार गोष्टी व काव्य सम्मेलन का आयोजन किया।14 सितंबर की शाम 5 बजे से हिंदी दिवस के अवसर पर मॉडर्न यूटोपियन सोसाइटी द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी व कवि सम्मेलन के आयोजन में रात 9 बजे तक अनवरत हिंदी संरक्षण व संवर्धन हेतु काव्य रसधारा बही। जिसमे कवि व शायरों ने हिंदी भाषा का अपनी कविताओं के माध्यम से गुणगान किया।साथ ही कार्यक्रम में मौजूद शिक्षाविदों व बुद्धिजीवियो ने हिंदी की वर्तमान दशा व दिशा पर अपने-अपने विचार रखे।
खटीमा थारू जीआईसी स्थित अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदी भाषा की दशा और दिशा पर विस्तार से चर्चा के बाद देर रात तक चले कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया।संस्था के अध्यक्ष डॉ चन्द्र शेखर जोशी ने जीवन दर्शन को परिभाषित करते हुए अपने काव्य में कहा की –
कौन बंधु, कैसा बंधन, रिश्ते शून्य सुनसान में जबकि डॉ. जगदीश कुमुद ने स्वाभिमान को सर्वोपरि मानते हुए कहा – माना मुश्किल में ही अक्सर हूँ मैं, नहीं किसी से अब भी कमतर हूँ मैं का सुंदर काव्य प्रस्तुत किया।
काव्य सम्मेलन का संचालन कर रहे वरिष्ठ कवि डॉ राज सक्सेना ने कुछ यूँ कहा. ख़ुशी मिलती जो पैसों से तो लाखों ले चुके होते.. वही खटीमा के युवा कवि व पत्रकार दीपक फुलेरा ने हिंदी को उचित सम्मान न मिलने पर चिंता जताते हुए कहा -कैसे कह दूँ हिंदी का सम्मान है.. वरिष्ठ कवि डॉ महेंद्र प्रताप पांडे ने गीत के माध्यम से कहा -हर हाल में अमरत्व हो, हर दम रहे हिंदी… शायर अमीर अहमद ने कहा -रंग बिरंगे रंगों से सजाते रहो, यूँही हिंदी दिवस तुम मनाते रहो. शायर अफसार सिद्दीकी ने अपना कलाम पेश करते हुए कहा -तुम्हारी आँखों में आंसू नहीं अच्छे लगते से शमा बांध दिया।
इसके अलावा काव्य सम्मेलन में डॉ प्रशांत जोशी, दया भट्ट, राधा तिवारी, आकाश प्रभाकर, शेखर गुणवंत, रामजीलाल वर्मा, रघुवीर यादव, कैलाश पांडे आदि ने भी काव्यपाठ किया.मॉर्डन यूटोपियन सोसायटी संस्था सचिव पूरन बिष्ट ने कार्यक्रम के अंत मे सभी आगंतुक कवियों शायरों शिक्षाविदों व श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।साथ ही आगे भी हिंदी संरक्षण व संवर्धन हेतु संस्था द्वारा अन्य कार्यक्रमो को आयोजित करने की बात कही।