खटीमा(उधम सिंह नगर)- उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संयुक्त मंच के प्रदेश महामंत्री भगवान जोशी ने एक बार फिर सरकार का ध्यान राज्य आंदोलनकारियों की 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण , चिन्हीकरण व पेंशन वृद्धि मांगो पर दिलाया है। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से राज्य आंदोलनकारी की प्रमुख मांगे पर प्रमुखता के साथ जल्द से जल्द एक्शन लिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा है कि सुबह के मुख्यमंत्री खुद राजेंद्रणकारी हैं इसलिए वह आंदोलनकारी की मनोस्थिति को बेहतर समझते हैं। उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री के रूप में वह जल्द से जल्द प्रदेश भर के राजन अधिकारियों की प्रमुख मांगों को पूरा करने का काम करेंगे।
भगवान जोशी ने कहा की कैबिनेट बैठक 21 अक्टूबर को होने वाली है वहीं दूसरी तरफ कैबिनेट के विस्तार और अन्य विभिन्न विभागों में भी पदों के आवंटन होने की चर्चा है । इसी बीच राज्य आंदोलनकारियों की भी 10 प्रतिशत आरक्षण , चिन्हीकरण व पेंशन वृद्धि की मांगो को भी राज्य सरकार को गंभीरता से लेना चाहिए। जिस तर्ज पर कैबिनेट विस्तार और विभिन्न विभागों में व परिषदों में पदों का आवंटन की चर्चा हो रही है , उसी तरह प्रदेश के 12 हजार चिन्हित आन्दोलनकारी भी यह माँग कर रहे हैं कि आन्दोलनकारियों की भी एक परिषद का गठन राज्य सरकार करे ताकि उनके हितों को भी संरक्षण मिल सके।
विगत 23 वर्षों से ये आन्दोलनकारी अपने सम्मान व राज्य के शोषित , वंचित वर्गों की लड़ाई लड़ रहे हैं , साथ ही पलायन व बेरोजगारी का दंश झेलते हुए भी प्रदेश की उन्नति व अपने सपनों के उत्तराखंड बनाने के लिए प्रयासरत हैं । राज्य गठन के बाद प्रदेश भर में सत्ता पर काबिज राज्य सरकारों ने आंदोलनकारियों के बारे में समय समय पर विभिन्न घोषणाएं तो की लेकिन ये घोषणाएं आज तक धरातल पर नहीं उतर पाई है।लेकिन इस बार राज्य आंदोलनकारियों को युवा मुख्यमंत्री धामी से पूर्ण उम्मीद है की वह इन लंबित मांगों को जल्द पूर्ण करेंगे।
प्रमुख राज्य आंदोलनकारी जोशी ने कहा की लंबे समय से 10 प्रतिशत क्षेतिज आरक्षण का मामला अधर में लटका है वहीं प्रदेश भर में नई नियुक्तियों के आये दिन विज्ञापन भी जारी किए जा रहे हैं।कई युवा आंदोलनकारी या आंदोलनकारियों के परिजन 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण विषय के लम्बित होने की वजह से इसका लाभ इन न्युक्तियो में नही ले पा रहे है।
उन्होंने कहा की यदि प्रदेश की सरकार वास्तव में आंदोलनकारियों के लिए चिंतित है तो शीघ्र ही एक आन्दोलनकारी परिषद का गठन करके आन्दोलंकारियों के 10 प्रतिशत , चिन्हीकरण व पेंशन सम्बंधित मामलों को जल्द से जल्द निस्तारित करे।ताकि आंदोलनकारियों को इन प्रमुख मांगों का लाभ मिल सके।उन्होंने राज्य सरकार से इन प्रमुख मांगों को गंभीरता से लेते हुए उन्हें जल्द पूर्ण करने की मांग की है।