खटीमा: वन विभाग चेतावनी की अनदेखी ग्रामीणों की जान पर पड़ रही भारी,सुरई वन रेंज आसपास में अब तक दस को बनाया है टाइगर ने अपना निवाला,मानव वन्य जीव संघर्ष बना चिंता का सबब

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भारी संख्या में टाइगर मौजूद है सुरई वन रेंज के अंदर,पीलीभीत टाइगर रिजर्व से मिलता हुआ है वन क्षेत्र

खटीमा(उधम सिंह नगर)- सीमांत क्षेत्र खटीमा जहां वनों से आच्छादित है वही नेपाल व उप सीमा से लगे सुरई वन रेंज में टाइगर बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं। आबादी क्षेत्र से लगे वन इलाकों के आसपास रहने वालों के लिए यह टाइगर अब खतरे का सबब बन चुके हैं क्योंकि अगर पिछले कुछ समय की बात की जाए तो सुरई वन रेंज के आसपास कुल 10 लोगों को टाइगर अपना निवाला बना चुका है। जो की वन विभाग के लिए भी चिंता का बड़ा कारण बन चुका है। लेकिन इसके अलावा वन विभाग के द्वारा लगातार जारी की जा रही चेतावनी को नजर अंदाज करना भी स्थानीय आवाम की जान के लिए बड़ा खतरा बन रहा है।

बात सुरई वन क्षेत्र में मानव वन्य जीव संघर्ष की करे तो भारत-नेपाल व यूपी सीमा से लगे सुरई रेंज के जंगलों में वर्ष 2022, 23 व 2024 में बाघ के हमले में 10 लोगों की जान जा चुकी है तथा दो लोग घायल हो चुके है। वहीं दर्जनों मवेशियों को भी बाघ अपना निवाला बना चुका है।

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तराई पूर्वी वन प्रभाग की उप डिवीजन खटीमा का सुरई रेंज वन्य जीवों का क्षेत्र है। यहां बड़ी संख्या में बाघ विचरण करते हैं। पिछले आंकड़े देखे तो जंगल क्षेत्र में मानव और वन्य जीवों के बीच हिंसक वारदातें बढ़ी है। 13 मई 2022 को झाउपरसा निवासी रोहित को बाघ ने शारदा डाम के पास चूका बीट मे अपना शिकार बनाया।
जबकि 25 जून 2022 को शारदा डैम के किनारे घास काटने गए झाउपरसा निवासी उमाशंकर को अपना निवाला बनाया था।
वही 21 सितम्बर 2022 को बग्गा चौवन निवासी दो पूर्व सैनिक उमेश सिंह व मदन सिंह पर कम्पार्टमेंट नंबर 40 के जंगल में चलती बाइक में झपट्टा मारकर गम्भीर रूप से घायल किया।

इसके अलावा 14 दिसम्बर को बाघ ने भरतपुर न्यूरिया पीलीभीत यूपी निवासी पारितोष को कक्ष संख्या 29 में हमला कर मार डाला। 28 जनवरी 2023 को ग्राम हल्दी घेरा निवासी 35 वर्षीय केवल सिंह को सुरई रेंज के कम्पार्ट संख्या 47 में बाघ द्वारा हमला कर मौत के घाट उतारा गया।
जबकि 13 मार्च को शौच करने गए झाउपरसा निवासी रंजीत कुमार को बाघ ने हमला कर अपना निवाला बनाकर मार डाला था। 19 मार्च को यूपी सीमा से सटे गांव दाह-ढ़ाकी में खेत में गन्ना छील रहे दाह-ढाकी निवासी रमेश मंडल को बाघ ने अपना निवाला बनाया था। 27 अगस्त को हुसैनपुर न्यूरिया निवासी हरनंदन पुत्र मूलचंद को बाघ ने सुरई रेंज के कक्ष संख्या 47 बी बीट पंचम में सींक बीनने के दौरान बाघ ने अपना शिकार बनाया। 25 अक्टूबर 2023 को बाघ ने सुरई रेंज के कक्ष संख्या 47ब में बग्घा चौवन निवासी भागुली देवी को अपना निवाला बनाकर मौत के घाट उतार दिया।

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वही 5 दिसंबर को बग्गा निवासी 28 वर्षीय युवक तारा सिंह पुत्र खुशाल सिंह को बाघ ने बाइक पर हमला कर मार डाला। अब ताजे मामले में बुधवार को सतपुड़ा नवदिया निवासी महिला को बीते रोज बाघ ने हमला के मार डाला है।इन घटनाओं के बाद बाघ के हमले से ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा हो गया है।लेकिन इन घटनाओं को देखते हुए वन रेंजर राजेंद्र सिंह मनराल द्वारा जंगल क्षेत्र में आवागमन ना करने,जरूरत पड़ने पर ग्रुप में ही जाने,सुबह शाम जंगल आसपास ना जाने के अलावा जंगल क्षेत्र में जलौनी लकड़ी घास आदि के लिए टाइगर के खतरे को देखते हुए ना जाने की सख्त चेतावनी व मुनादी वन कर्मचारियों के माध्यम से की जाती रही है।लेकिन वन विभाग की चेतावनी को नजर अंदाज करना अब ग्रामीणों की जान पर भारी पड़ने लगा है।

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फिलहाल वन विभाग को एक बार फिर से वन क्षेत्रों से लगे आबादी इलाको में बाघ के खतरे को लेकर जागरूकता अभियान व जंगल सीमाओं से लगे आबादी इलाओ में टाइगर के खतरे के चेतावनी बोर्ड लगाने की आवश्यकता है।ताकि लगातार बड़ रहे मानव वन्य जीव संघर्ष को रोका जा सके।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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