खटीमा(उत्तराखंड)- उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 2022 में भले ही भारतीय जनता पार्टी ने 47 सीटों के प्रचंड बहुमत के साथ एक बार फिर सत्ता पर अपनी दस्तक दी हो। लेकिन भाजपा के प्रदेश चुनाव में सेनापति प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के खटीमा विधानसभा से चुनाव हारने के बाद उनके समर्थकों में मायूसी फैल गई थी। विधानसभा चुनाव हारने के बाद धामी के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाओं को जहां बड़ा धक्का लगा वही अब प्रदेश का कौन मुख्यमंत्री होगा इस बात को लेकर भाजपा आलाकमान के पाले में गेंद चली गई। फिलहाल चुनाव हारने के बावजूद धामी समर्थक जहां भाजपा केंद्रीय नेतृत्व से धामी को पुनः प्रदेश की कमान सोंपने की मांग कर रहे है।वही प्रदेश में मुख्यमंत्री को लेकर विधायको से रायशुमारी को लेकर पर्यवेक्षक बनाये गए केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री राजनाथ सिंह को अहम जिम्मेदारी मिलने पर धामी समर्थक बेहद खुश है।
गौरतलब है कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता व केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश के बड़े ठाकुरवादी नेताओं में शुमार माने जाते है।वही उत्तराखण्ड के सीएम पुष्कर धामी भी अपने राजनीतिक गुरु भगत सिंह कोश्यारी के बाद राजनाथ सिंह के समर्थक नेताओ में ही गिने जाते रहे है।ऐसे में राजनाथ सिंह के उत्तराखण्ड चुनाव के बाद बीजेपी की सरकार को मुख्यमंत्री के चयन हेतु विधायको में रायशुमारी हेतु पर्यवेक्षक नियुक्त होने से धामी समर्थको को अपने नेता की हार के बाद एक बार सीएम बनने की सम्भावनाओ को देखते हुए फिर से ऊर्जा का संचार हुआ है।
खटीमा विधानसभा में धामी समर्थक राजनाथ सिंह के पर्यवेक्षक बनने पर सीएम पुष्कर धामी को एक बार फिर सीएम पद पर आशीन होने की सम्भावनाओ को प्रबल मान रहे है।वही फेसबुक सहित अन्य सोशल साइट्स पर राजनाथ सिंह द्वारा उत्तराखण्ड में चुनाव प्रचार के दौरान कहे गए पुष्पा फ़िल्म के डायलॉग धामी फ्लावर नही फायर है को लिख जमकर वायरल कर रहे है।
वही हम आपको बता दे कि उत्तराखण्ड में चुनाव रिजल्ट आने के बाद भाजपा ने 47 सीटों के साथ एक बार फिर सत्ता में वापसी करी है।लेकिन बीजेपी के सीएम फेस रहे पुष्कर सिंह धामी के अपनी विधानसभा खटीमा से चुनाव हारने के बाद सीएम पद को लेकर भाजपा के अंदर जमकर लॉबिंग शुरू हो चुकी है।धामी समर्थक कार्यकर्ता व कुछ विधायक जहां धामी फेस पर सत्ता वापसी की बाद कह धामी को पुनः हारने के बावजूद उत्तराखण्ड की कमान देने की पैरवी कर रहे है।जबकि दूसरी तरफ महिला मुख्यमंत्री के तौर पर पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी कोटद्वार से विधायक बनी ऋतु खंडूरी का नाम भी सीएम पद को लेकर चल रहा है।इसके अलावा विधायक धन सिंह रावत,सतपाल महाराज, सांसद अनिल बलूनी,निशंक व अजय भट्ट के नाम भी सीएम पद की रेस में दौड़ लगा रहे है।
फिलहाल केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह व मीनाक्षी लेखी के उत्तराखण्ड में विधायकों से रायशुमारी व केंद्रीय नेतृत्व से रायशुमारी की चर्चा के बाद सीएम के नाम का डिक्लियरेशन होना निश्चित होगा।लेकिन राजनाथ सिंह को उत्तराखण्ड में सीएम चयन की अहम जिम्मेदारी के बाद पुष्कर फ्लावर नही फायर कहने वाले राजनाथ सिंह किस नाम को उत्तराखण्ड में पाँच साल सीएम पद की जिम्मेदारी दिए जाने के लिए तय कर पाते है यह बहुत ही अहम सवाल है।फिलहाल भाजपा आलाकमान के अक्सर सीएम को लेकर चौकाने वाले निर्णय लिए जाने की परिपाठी के चलते अभी कुछ भी कह पाना सम्भव नही है।लेकिन राजनाथ के उत्तराखण्ड आने से इतना जरूर है कि सीएम धामी समर्थको की उम्मीदों को पंख जरूर लगे है।अब यह भी देखना होगा कि धामी समर्थको के उम्मीद की उड़ान कितनी सार्थक हो पाती है।