
मनोज कापड़ी, संवाददाता, लोहाघाट।
लोहाघाट(चंपावत)- चम्पावत जनपद के लधियाघाटी के खरही एवं लधौनधुरा मंदिर में लगने वाला दो दिनी ऐतिहासिक मेला रविवार को शुरू हो गया है। मेले के उद्घाटन पर खरही के बैजगांव से मल्ली खरही शिव मंदिर तक और वहां से होकर अर्द्धरात्रि में लधौनधूरा तक भगवान शिव, पार्वती और गणेश की शोभायात्रा मल्ली खरही के शिव मंदिर तक भगवान शिव की भव्य शोभायात्रा निकाली गई जो चांदनी रात में यहां से 12 किमी दूर वनात्क्षादित शैल शिखरों से होते हुए सुबह भोर में लधौनधूरा शिव मन्दिर में पहुंचेगी इसी के साथ बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर यहां होने वाला उत्तराखंड में अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाला पौराणिक मेला शुरू हो गया है।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य महराना एवं सामाजिक कार्यकर्ता कैलाश अधिकारी के मेले का शुभारंभ किया बिरगुल के महराना छड़ीदार एवं खरही गांव के अनुसूचित जाति के लोग पारंपरिक रूप से हाथों में छड़ी लेकर डोले की सुरक्षा के साथ चल रहें थे। यह परंपरा शताब्दियों से चली आ रही है जो यह संदेश देती है कि सनातन धर्म में कोई अछूत न हो कर एक दूसरे के पूरक होते आ रहें हैं।

यात्रा मार्ग में गोली एवं बिरगुल के युवाओं द्वारा शनिवार से ही अन्नपूर्णा भण्डार शुरू किया गया है जो सोमवार की साम तक चलेगा आज पारंपरिक रूप से मन्दिर के पंडित शंकर शर्मा ने आगामी एक वर्ष के लिए पंडित राकेश भट्ट को पुजारी की जिम्मेदारी पारंपरिक रूप से सौंपी अब एक वर्ष नाखुड़ा गांव के शिव मंदिर में ही भगवान शिव पार्वती का प्रवास होगा यहां शताब्दियों से बैजगांव,ईजर एवं नाखुड़ा गांव में ही शिव शक्ति का प्रवास बारी बारी से होता है तीनों ही गांवों के लोग वंशानुगत मंशा हार नहीं करते हैं तथा पुजारियों को कठोर धार्मिक नियमों का पालन करना पड़ता है।

मेला समिति के अध्यक्ष कैलाश महराना के नेतृत्व में दीपक शर्मा, गोविंद शर्मा, अशोक भट्ट, राकेश भट्ट, शंकर शर्मा,दलीप सिंह,मदन सिंह, शिवराज सिंह, टीकाराम शर्मा, गोविंद शर्मा, गंगा सिंह, सुन्दर सिंह, भुवन राम, जगदीश राम,विषन महराना,सोवन सिंह महराना,आदि हर उम्र के लोग इस आयोजन को भव्य व दिव्य मनाने की परंपरा का निर्वाह करते आ रहे हैं ।

मध्यरात्रि में चलकर शोभायात्रा सोमवार सुबह लधौनधूरा मंदिर पहुंची। शोभायात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। इसके साथ ही बैकुंठ चतुर्दशी के पर्व पर लगने वाले मेले का आगाज हुआ।






