लोहाघाट: देवभूमि शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किए जाएंगे शिक्षक प्रकाश उपाध्याय,एसीआईसी,देवभूमि फाउंडेशन द्वारा किए गए सर्वे में हुआ शिक्षक उपाध्याय का चयन

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27 नवंबर को हल्द्वानी में आयोजित समारोह में सीएम पुष्कर धामी करेंगे सम्मानित

लोहाघाट(चंपावत)- एसीआईसी देवभूमि फाउंडेशन द्वारा किए गए सर्वे में चयनित लोहाघाट बापरू जीआईसी के अध्यापक प्रकाश उपाध्याय को देवभूमि शिक्षा उत्कृष्टता पुरस्कार से नवाजा जाएगा।उन्हे यह सम्मान 27 नवंबर को हल्द्वानी में आयोजित सम्मान समारोह में सीएम की उपस्थिति में सम्मानित किया जाएगा।शिक्षक उपाध्याय आईसीटी में हॉटस्पॉट तथा अन्य आधुनिक तकनीकी के जरिए बच्चों में शिक्षा के प्रति उमंग एवं उत्साह पैदा करने के साथ ही एससीईआरटी उत्तराखण्ड के राज्य संदर्भदाता के रूप में शिक्षकों को भी प्रशिक्षण देने के अलावा नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी), नई दिल्ली के राष्ट्रीय प्रशिक्षक के रूप में बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई कराने का सराहनीय कार्य कर रहे है।साथ ही बच्चो को साइबर क्षेत्र की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए मानसिक रूप से तैयार कर रहे हैं।

शिक्षक उपाध्याय के छात्र-छात्राओं के प्रति समर्पण भाव को देखते हुए यहां के शिक्षाविदों का कहना है कि ऐसे शिक्षक अन्य के लिए भी प्रेरणा दायक व्यक्तित्व हैं। उपाध्याय ने उन्हें मिलने जा रहे सम्मान को अपने छात्र-छात्राओं को समर्पित करने का निर्णय लिया है। उपाध्याय वर्तमान में आईआईटी मुंबई से साइबर सिक्योरिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी तीन वर्षीय कोर्स कर रहे हैं, जिससे वे अपने छात्र-छात्राओं को और अधिक आधुनिक ज्ञान-विज्ञान से जोड़ सकें।

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चंपावत जनपद के जीआईसी बापरू अध्यापक प्रकाश चंद्र उपाध्याय शिक्षा जगत मेहनती अध्यापकों के रूप में अपनी पहचान रखते है। उन्हे पढ़ने-पढ़ाने का ऐसा जुनून है कि वह अपने छात्रों को ऊंचे मुकाम में पहुंचाने के लिए जी-जान से दिन-रात जुटे रहते हैं। चंपावत जिले के शिक्षक के रूप में उन्हें यह सम्मान मिलने पर शिक्षक समाज में खुशी की लहर है।

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पाटी ब्लॉक के कनारी गांव के मूल निवासी 43 वर्षीय उपाध्याय सात विषयों में परास्नातक है। साथ ही वह शिक्षक के रूप में कभी अवकाश के लिए जाने जाते है। शैक्षिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में यह अपने बच्चों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने के लिए कभी धन की कमी को आड़े नहीं आने देते हैं। इनका सोचना है कि छात्र-छात्राओं को उनकी मंजिल तक पहुंचाने के कारण ही उन्हें मानव जन्म मिला है। वह उनके जीवन में चमक लाने के लिए जो प्रयास करते हैं, इससे उनका उत्साह और बढ़ने लगता है। उनके अनुसार पुरस्कार उन्हें आगे शिक्षा के क्षेत्र में ओर बेहतर करने को प्रेरित करेगा।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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