
शॉर्टकट लाइफस्टाइल एवं दिखावे की प्रवृत्ति से छुपती जा रही वास्तविकता।
लोहाघाट(उत्तराखंड) प्रकृति, स्वच्छ आवेश एवं परिवेश में रहते हुए व्यक्ति में नई ऊर्जा, संकल्प शक्ति एवं अनुशासन का भाव स्वयं पैदा होने लगता है। इससे कर्तव्यों के प्रति अडिग एवं समर्पित रहने की प्रेरणा मिलती है। यह बात आइटीबीपी की 36वीं बटालियन में हिमवीरों को स्वच्छता पखवाड़े के प्रति शपथ दिलाते एवं एड्स जागरूकता अभियान का शुभारंभ करते हुए कमांडेंट डीपीएस रावत ने व्यक्त किए ।
कमांडेंट ने कहा कि आज हर कार्य को शॉर्टकट एवं दिखावे की लत ने हमें वास्तविक उद्देश्यों से भटकाकर इससे दूर रखने का प्रयास किया जा रहा है। स्वच्छता को जीवन की महत्वपूर्ण कार्यशैली में शामिल करने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा स्वच्छ वातावरण में रहने से व्यक्ति की प्रकृति, प्रवृत्ति व कार्य संस्कृति में स्वतः बदलाव आने लगता है।
एड्स जागरूकता पर बल देते हुए कमांडेंट ने कहा कि व्यक्तियों ने प्राकृतिक नियमों, पारंपरिक खान-पान, रहन-सहन एवं लाइफस्टाइल बदलने से अपने को तमाम रोगों के हवाले कर दिया है। उन्होंने पशु-पक्षियों का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके द्वारा प्राकृतिक नियमों का पालन करने से वह सदा स्वस्थ रहते हैं। उनके लिए जंगल में कोई हॉस्पिटल नहीं खुला रहता है। उन्होंने आत्म संयम एवं इंद्रियों पर नियंत्रण के लिए योग, प्राणायाम व प्राकृतिक नियमों का पालन करने से ही एड्स पर नियंत्रण रखा जा सकता है। इस अवसर पर द्वितीय कमान अधिकारी बीआर मीणा, उप सेनानी राजेश मीणा, राजकुमार बोहरा, सहायक सेनानी डॉ हर्षवर्धन, डॉ अनिल कुमार, प्रिंस दत्त, एस एम अर्जुन सिंह कंडारी, निरीक्षक जगदीश प्रसाद एवं गोपाल वर्मा के अलावा सभी हिमवीर मौजूद थे।






