लोहाघाट: जिसने अभी तक अद्वैत आश्रम मायावती को नही देखा है। उसका मानवीय जीवन रह गया है अधूरा – राज्यपाल

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

आने वाले 125 वर्षों में स्वामी जी के आदर्शों के बल पर देश बनेगा विश्व गुरु -स्वामी सुद्धिदानन्द जी

अद्वैत आश्रम मायावती के स्थापना के 125वे वर्ष के कार्यक्रम हुए शुरू

लोहाघाट(उत्तराखंड) – राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा मनुष्य रूप में जिसने अभी तक अद्वैत आश्रम मायावती के दर्शन नही किये है, मैं समझता हूं उसका जीवन अधूरा रह गया है ।यहां से दिखाई देने वाला 370 किमी हिमालय की लम्बी श्रंखला का मनोहारी दृश्य उसकी आध्यात्मिक ऊर्जा सभी को अपनी ओर खींचकर व्यक्ति को उस अनंत की ओर ले जाती है । जहां वह अपने को दैवीय सत्ता के निकट पाता है । यह बात राज्यपाल ने अद्वैत एव वेदांत की विश्व में प्रवाहित रसधारा के उदगम एवं स्वामी विवेकानंद जी के सपनों के मायावती आश्रम की 125 वी स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे । देश के विभिन्न अंचलों से आए विद्वान संतों एवं हर क्षेत्र के अनुयायियों को संबोधित करते हुए उन्होंने ध्यान में हुई अनुभूति का उल्लेख करते हुए कहा स्वामी ऐसे भविष्य द्रष्टा थे। उन्होंने जो बात शताब्दियों से पूर्व कही थी उनका वास्तविक रूप देश एवं विश्व मे दिखाई देने लगा है ।

यह भी पढ़ें 👉  छीनिगोठ हाईस्कूल के छात्र हर्षित बोहरा तैराकी के 68 वी स्कूल नेशनल प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए राजकोट गुजरात रवाना,स्पोर्ट्स टीचर रचित वल्दिया के निर्देशन में राष्ट्रीय फलक पर पहुंच रहे दुरस्त सरकारी स्कूल के छात्र

स्वामी जी के जीवन के आदर्श व मूल्य आज की युवा पीढ़ी को पथ भृष्ट होने से बचाकर नई रोशनी दे रही है । इस आश्रम से अब आईटी तथा एआई का भी संदेश निकलेगा ।इसके अलावा आने वाले 125 वर्ष में स्वामी जी के विचार व भावना से नए भारत का नवनिर्माण होगा । संस्कृत ,मानवता, ब्रह्मांड ,हिंदुत्व, एवं भारतीयता का एक ही डीएनए बताते हुए राज्यपाल स्वामी जी के विचारों में इतना खो गए की वह निर्धारित समय सीमा को लाँघते हुए कहने लगे कि मैं जो कुछ कह रहा हूं ,उसे स्वामी जी की आत्मा मुझे बुलवा रही है । प्रकृति, भारतीय दर्शन व ब्रह्मांड में ओम (ॐ) निहित है । यही वजह है कि देव भूमि का देवत्व की आभा स्वामी विवेकानन्द जी ,गुरु नानक महाराज समेत दिव्य आत्माओं को यहां खींच लायी है । इस अवसर पर उन्होंने विद्वान संत स्वामी रंगनाथन द्वारा प्रकाशित पुस्तक एवं मायावती आश्रम का 125 वर्षों का इतिहास समेटे फोटो एल्बम का भी लोकार्पण किया ।

यह भी पढ़ें 👉  लॉयंस क्लब खटीमा द्वारा पहले लिओ क्लब का किया गया गठन,नवनिर्मित लियो क्लब के अधिष्ठापन समारोह मुख्य अतिथि PMJF लॉयन डॉ०रामचंद्र मिश्रा रहे मुख्य अतिथि,दुर्गेश जोशी को मिली पहले लिओ अध्यक्ष पद की कमान

समारोह की अध्यक्षता करते हुए आश्रम के अध्यक्ष स्वामी सुद्धिदानन्द जी ने राज्यपाल सहित सभी का स्वागत करते हुए कहा की अब आने वाले 125 वर्ष स्वामी जी के सपनों के बल पर नए भारत के निर्माण के युग का सूत्रपात हो गया है । जिसमें हर युवा स्वामी जी के सपनों को साकार करेगा । विशिष्ट अतिथि स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय के उप कुलपति स्वामी आत्म प्रियानंद जी एवं श्री रामकृष्ण मिशन के ट्रस्टी स्वामी मुक्तिदानंद ने भी प्रभावी विचार रखें । संचालन हरि महाराज ने किया ।इससे पूर्व आश्रम पहुंचने पर राज्यपाल का आश्रम के अध्यक्ष स्वामी सुद्धिदानन्द समेत विभिन्न स्थानों से आए संतों द्वारा वैदिक ऋचाओ के साथ भावपूर्ण स्वागत किया । उन्होंने उस स्थान में ध्यान किया जहां 123 वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद जी ने अपने प्रवास के दौरान यहां ध्यान किया था । ध्यान में राज्यपाल ने कहा आज उनकी आत्मा का परमात्मा से वास्तविक रूप में मिलन हुआ है । राज्यपाल ने स्वामी जी से आश्रम की विभिन्न गतिविधियों की भी जानकारी दी । आश्रम द्वारा संचालित धर्मार्थ चिकित्सालय के प्रभारी स्वामी एकदेवानंद महाराज ने बताया कि किस प्रकार गरीब रोगियों का यहां निशुल्क रोग निवारण किया जाता है ।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने की जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक,ख़राब गुणवत्ता के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री ने दिखाए सख्त तेवर

इस अवसर पर जिलाधिकारी नवनीत पांडे ,पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, सीडीओ संजय कुमार, डीएफओ आरसी काण्डपाल ,सीएमओ के के अग्रवाल, समेत अधिकारी , नागरिक, महिलाएं , अधिवक्ता, एवं शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े सैकड़ो लोग मौजूद थे ।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles

You cannot copy content of this page