लोहाघाट(चंपावत)- मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के मॉडल जिला चंपावत में हर क्षेत्र में विकास एवं रोजगार की तमाम संभावनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। जिस सोच के साथ इस दिशा में जो कार्य किया जा रहा है, उसके पीछे एक बहुत बड़ी सामाजिक पीड़ा छिपी हुई है कि जिनके लिए यह सब कुछ किया जा रहा है, वह नशे की गिरफ्त में आकर अपने जीवन का लक्ष्य ही भूलते जा रहे हैं। जिससे यदि समय रहते सभी लोगों ने मिलकर रोकने का प्रयास नहीं किया तो तब बहुत देर हो जाएगी। यह विचार महाविद्यालय की एंटी ड्रग सेल द्वारा युवाओं से संवाद करते हुए स्वामी विवेकानंद राजकीय पीजी कॉलेज की प्राचार्या प्रो संगीता गुप्ता ने व्यक्त किए। एक मां के दर्द को उजागर करते हुए उन्होंने कहा कि हर मां-बाप एवं गुरु अपने बच्चों को अपने से ऊंचे मुकाम में देखना चाहते हैं। यदि बच्चा दिशाहीन हो जाए तो उन्हें इतनी आंतरिक वेदना पहुंच रही होगी, जिसका अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा सीएम धामी के कारण चंपावत जिले में युवाओं के लिए सुनहरे अवसर पैदा हो रहे हैं, जिसका उन्हें लाभ उठाना चाहिए।
मुख्य वक्ता के रूप में योग- प्राणायाम से नशा मुक्त भारत अभियान के प्रणेता एवं जीआईसी रौंसाल के प्रवक्ता ललित मोहन ने कहा नशा करने वाला केवल नशा ही नहीं करता, बल्कि वह मां की खुशी, परिवार का सुकून और पिता की प्रतिष्ठा को एक ही घूंट में पी जाता है। सिगरेट या स्मैक की एक कश उसे 4 मिनट पहले मौत के पास पहुंचा देती है। नशे से युवा अपने लक्ष्य को भूल जाता है, उसका मानसिक बौद्धिक स्तर डांवाडोल होने के साथ कार्यक्षमता क्षीण पड़ने से वह जिंदी लाश बनकर परिवार के लिए एक अभिशाप बनकर उनके अरमान ध्वस्त कर देता है। उन्होंने युवाओं को कुमाऊनी भाषा में चंपावत जिले को नशा मुक्त करने की शपथ दिलाते हुए योग एवं प्राणायाम कर प्रकृति से आत्मसात करने की शपथ दिलाई। नोडल अधिकारी डॉ सुमन पांडे ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि समाज के हर जागरूक वर्ग की जिम्मेदारी है कि हम सब अपने घर से नशे के विरुद्ध अवधारणा पैदा करें।
एबीवीपी के विवेक पुजारी एवं नीरज शक्ट्टा ने कहा हालांकि उनका संगठन नशे के विरुद्ध राष्ट्रीय स्तर पर जागरण कर रहा है, लेकिन हम अब मॉडल जिला चंपावत को पूर्ण नशा मुक्त करने की ओर कदम बढ़ाएंगे। शोधार्थी नवीन राय, हिमानी, गरिमा,उमा पांडे, मंजू, सुनीता, यशोदा एवं प्रतिभा ने कहा हमारी संगति ही हमारे भविष्य का निर्माण करती है। अंत में प्राचार्य एवं नोडल अधिकारी ने मुख्य वक्ता ललित जी को स्मृति चिन्ह भेंट कर महाविद्यालय परिवार की ओर से आभार व्यक्त किया।