खटीमा(उधम सिंह नगर)- खटीमा के चकरपुर इलाके में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने बैठक कर आंदोलनकारियों की समस्याओं पर मंथन किया। बैठक में राज्य आंदोलनकारियों से जुड़ी मांगों को प्रमुखता से उठाने पर सहमति जताई। साथ ही राज्य आंदोलनकारियों के दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाली पर मुख्यमंत्री, राज्यपाल व क्षेत्रीय विधायक का आभार जताया गया।
गुरूवार को पूर्व दर्जा राज्य मंत्री एवं प्रमुख राज्य आंदोलनकारी रिटायर्ड कैप्टन शेर सिंह दिगारी के आवास पर क्षेत्र के प्रमुख राज्य आंदोलनकारियों एवम पूर्व सैनिकों की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में पूर्व दर्जा राज्य मंत्री कैप्टन दिगारी ने आंदोलनकारियों से जुड़े सभी मुद्दों को प्रमुखता के साथ उठाए जाने की बात कही। उन्होंने राज्य आंदोलन के दौरान किए गए संघर्ष की स्मृतियों को अपने साथी राज्य आंदोलनकारियों के बीच साझा की।
दिगारी ने कहा कि पृथक राज्य के लंबे संघर्ष व बलिदानों के बाद जिस उत्तराखंड राज्य की प्राप्ति हुई है। उस राज्य को राज्य आंदोलन के शहीदों की परिकल्पना के अनुरूप बनाने तक हमेंं अपने संघर्ष को जारी रखना है। दिगारी ने कहा कि राज्य सरकारों ने आंदोलनकारियों की कई मांगों को पूरा किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यपाल गुरमीत सिंह एवं क्षेत्रीय विधायक भुवन कापड़ी का राज्य आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण बहाली पर धन्यवाद ज्ञापित कर आभार जताया। सभी राज्य आंदोलनकारियों ने बैठक में एक स्वर से कहा कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में आंदोलनकारियों की सभी मांगों को प्रमुखता के साथ पूरा किया जा रहा है। उन्हें विश्वास है कि राज्य आंदोलनकारियों के परिकल्पना के अनुरूप एक आदर्श उत्तराखंड को भविष्य में राज्य सरकार बनाने का काम करेंगी।कैप्टन दिगारी ने बताया की वर्ष 1996..97 में बनबसा आर्मी केंट में कमांडिंग ऑफिसर के रूप में राज्यपाल महोदय गुरमीत सिंह पोस्टेड थे,उस वक्त भूत पूर्व सैनिक संगठन के वह अध्यक्ष थे जिस दौरान उन्होंने पूर्व सैनिक संगठन के कई कार्यक्रमों में शिरकत की थी।उन्होंने कहा ही राज्यपाल महोदय के मार्गदर्शन में सैनिक कल्याण के क्षेत्र में बेहतरीन काम होंगे।
इस दौरान पूर्व सैनिक संगठन अध्यक्ष कैप्टन गंभीर सिंह धामी, कुंवर सिंह खनका, भैरव दत्त पांडेय, हरीश जोशी, मुकेश मोहन शर्मा, दिवान सिंह सैल्ला, भूपेंद्र सिंह खोलिया, गणेश जोशी, दान सिंह सामंत, कुशल सिंह कन्याल, किशन चंद, जीवन सिंह मेहता, किशोर सिंह, नारायन सिंह सौन, जवाहर सिंह पोखरिया, गोपाल सिंह, नारायण दत्त तिवारी आदि मौजूद थे।