खटीमा(उत्तराखण्ड)- विश्व हिन्दू परिषद उत्तराखण्ड के प्रदेश सह मंत्री रंदीप भाई पोखरिया कोविड काल मे अपने संगठन के माध्यम से लगातार जरूरत मंद ,बीमार व निर्धन वर्ग की सेवा में लगे है।अपने सेवा भाव से व विश्व हिंदू परिषद की मानव धर्म सेवा के भाव को जीवित करने का अनवरत प्रयास कर रहे है।
लेकिन इस बार रंदीप पोखरिया ने अपने संगठन विहिप की मानव धर्म की असल भावना को देश की परिधि से बाहर पहुँचा दिया है।विहिप प्रदेश पदाधिकारी रंदीप पोखरिया ने उत्तराखण्ड से लगे पड़ोसी देश नेपाल की साहित्यकार व इमिग्रेशन ऑफिसर सरिता पंथी को मात्र फेसबुक के माध्यम से अस्वस्थ होने की बात बता मदद मांगने पर बनबसा बॉर्डर पर एम्बुलेंस भिजवा उनको इलाज हेतु जहां खटीमा बुलवाया।वही खटीमा में पहुँच नेपाल की साहित्यकार सरिता पंथी को खटीमा के फिजिशियन एमडी डॉक्टर को दिखवा कर वापस सम्मान सहित एम्बुलेंस से वापस बनबसा नेपाल बॉर्डर तक पहुँचा सराहनीय कार्य किया है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश सह मंत्री रंदीप पोखरिया की मदद से 25 मई को इलाज कर नेपाल गई सरिता पंथी ने नेपाल से वीडियो संदेश जारी कर रंदीप पोखरिया,विश्व हिंदू परिषद संगठन व विहिप के एम्बुलेंस चालक का ह्रदय से आभार व्यक्त किया है।साहित्यकार सरिता पंथी ने अपने वीडियो संदेश में कहा की मात्र फेसबुक के माध्यम से जुड़े विश्व हिंदू परिषद के रंदीप पोखरिया को सिर्फ यह बताने की वेक्सिनेशन के बावजूद भी उनका बुखार नही उतर रहा है।इनको बेहतर ट्रीटमेंट की आवश्यकता है लेकिन नेपाल व भारत मे लॉक डॉउन की वजह से उन्हें समझ नही आ रहा वह क्या करे।इस पर रंदीप पोखरिया जी ने नेपाल बॉर्डर पर एम्बुलेंस भेज उन्हें खटीमा में बुलवाकर जहां उनका बेहतर उपचार दिलवाया है।साथ ही उन्हें वापस बनबसा नेपाल बॉर्डर तक भिजवाने का भी कार्य किया है।
खटीमा से लाई दवाइयों का सेवन उपरांत अब उनका स्वास्थ्य पहले से थोड़ा बेहतर हुआ है।इस लिए देश की सीमाओं की बंदीसों को ना मान जिस तरह रंदीप पोखरिया जी ने मानवता का परिचय देते हुए उनकी मदद की है।ऐसा केवल किसी के लिए कोई परिवार का सदस्य ही कर सकता है।वह रंदीप पोखरिया जी,उनके संगठन विश्व हिंदू परिषद व उस एम्बुलेंस चालक का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूँ।साथ ही उनका कहना है कि भारत की तरफ से इन लोगो की मदद आजीवन उनके जीवन मे एक मधुर स्मृति के तौर पर रहेगी।जबकि प्रदेश सह मंत्री उत्तराखण्ड रंदीप पोखरिया ने मानव धर्म की सेवा करने को जहां अपने संगठन की मूल भावना बताया है।साथ ही मानवीय सेवा में सरहद की दूरी को वह नगण्य मानते है।विश्व हिंदू परिषद के माध्यम से अपने मानव धर्म के निर्वहन को वह आगे भी यूंही ही अनवरत जारी रखेंगे।