देवेन्द्र सिंह बिष्ट
खटीमा(उधम सिंह नगर)- प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के लिए रीढ की भूमिका निभाने वाली मुख्य संस्था ही उसमे पलीता लगा रही है। नगर पालिका परिषद एक स्वायत्त संस्था है जिसका विभिन्न कार्यों के साथ ही नगर पालिका क्षेत्र में साफ सफाई का मुख्य कार्य होता है। परन्तु बात अगर खटीमा नगर पालिका की करे तो कूड़ा निस्तारण करने वाले कर्मचारी नगर की गलियों का कूड़ा लाकर बीच शहर मे पुराने सरकारी अस्पताल के सामने मुख्य मार्ग के किनारे डाल रहे है।
जिस कारण नगरवासी दुर्गंन्ध व गंभीर बीमारियों का खतरा झेलने को मजबूर हो रहे हैं। सड़क किनारे पालिका द्वारा फेके गये कूड़े को गोवंश के अलावा अन्य जानवर भी खाकर बीमार हो रहे हैं। जबकि अस्पताल के ठीक पीछे सीओ खटीमा का सरकारी आवास भी है। वहीं दूसरी ओर जहां कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए साफ सफाई का विशेष ध्यान देने की अपील समूचा विश्व कर रहा है। ऐसे में नगरपालिका की कार्य प्रणाली क्षेत्रवासियों की सेहत से खिलवाड़ कर रही है।
क्योंकि क्षेत्र में ऐसे कई घर भी हो सकते हैं जो कोरोना संक्रमित के रूप में चिन्हित न हों ऐसे में यदि उन घरों का कूड़ा भी इसमे शामिल हो गया तो स्थिति भयावह हो सकती है। इस बावत जब पालिका अधिशासी अधिकारी धर्मानन्द शर्मा से पूछा गया कि क्या कार्यवाही की जा रही है उन्होने मामले को देखने की बात कहकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर दी।फिलहाल खटीमा की सफाई व्यवस्था जहां राम भरोसे नजर आ रही है।वही मोदी सरकार के स्वच्छ भारत अभियान को खटीमा में पलीता लगते साफ देखा जा सकता है।