पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस सेवा सीमान्त क्षेत्र को एक्सप्रेस नाम का लॉलीपॉप

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खटीमा(उधम सिंह नगर)- 26 फरवरी 2021 को टनकपुर-दिल्ली पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस सेवा (विशेष ट्रेन) भव्य शुभारम्भ के साथ सीमान्त जनता की सुविधाओं हेतु शुरू कर दिया गया। इस बहुप्रतीक्षित रेल सेवा के उद्घाटन अवसर पर इसे हरी झंडी दिखाने को सीमांत टनकपुर क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के तीन सांसद चार विधायक सहित रेलवे का आला अफसर मौजूद रहे। स्वयं इस जनशताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा के उद्घाटन पर वर्चुअल रूप से हरी झंडी दिखाने देश के रेल मंत्री पीयूष गोयल व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद रहे।

लेकिन इसके बावजूद भी सीमा क्षेत्र के लोगों के लिए एक्सप्रेस सेवा के नाम से शुरू की गई इस ट्रेन के एक्सप्रेस नाम पर संशय बना हुआ है। सीमांत क्षेत्र टनकपुर बनबसा खटीमा से लेकर चंपावत, पिथौरागढ़ जनपदों तक के लोग अभी तक इस एक्सप्रेस सेवा के एक्सप्रेस होने पर मंथन कर रहे है। कि विश्व की सबसे बड़ी रेल सेवा भारतीय रेलवे की एक्सप्रेस ट्रेन एक्सप्रेस होने के बावजूद भी 5 से 6 घंटे के सफर को 10 घंटे में कैसे पूरा कर रही है।

इस रेल सेवा का यात्रा समय 10 घंटे का होने के बावजूद भी इस ट्रेन का नाम जनशताब्दी एक्सप्रेस सेवा रखकर सीमा क्षेत्र के लोगों को एक्सप्रेस सेवा का लॉलीपॉप देश की सरकार द्वारा दिया गया है। हालांकि उत्तराखंड के सीमा क्षेत्र से जनशताब्दी एक्सप्रेस रेल सेवा का जुड़ना उपलब्धि हो सकता है ।लेकिन किसी सामान्य रेल सेवा को एक्सप्रेस के नाम से सीमान्त जनता की सुविधाओं के लिए बड़े तामझाम के साथ परोसना कहीं न कहीं उत्तराखंड की सीमान्त जनता को एक्सप्रेस रेल सेवा के नाम पर लॉलीपॉप देने समान है।

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इस रेल सेवा के भव्य उद्घाटन कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी जैसे बड़े कद के नेता के पहुँचने के प्रभाव व दोनों सीमान्त जनपदों अल्मोड़ा व नैनीताल के सांसदों को मौजूदगी में भले ही किसी पत्रकार साथी ने एक्सप्रेस सेवा होने के बावजूद 5 घण्टे के सफर को 10 घण्टे में पूरा किये जाने के बावजूद एक्सप्रेस सेवा नाम दिए जाने पर सवाल ना किया हो।लेकिन सीमान्त क्षेत्र के जिम्मेदार पत्रकार होने के नाते हमने जरूर राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी से इस एक्सप्रेस सेवा के नाम पर संसय होने के सवाल को उठाया।

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राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी ने जहां इस एक्सप्रेस रेल सेवा के समय को अधिक होने की बात को स्वीकारा, वह जल्द ही इस एक्सप्रेस रेल सेवा के समय को कम करने के लिए कई ट्रेनों के समय में बदलाव करने का अभी हमें भरोसा दिलाया। हालांकि यह देखना होगा कि भारतीय रेल विभाग आखिर कब तक इस रेल सेवा के एक्सप्रेस नाम के साथ सही अर्थों में इंसाफ करते हुए इसके समय को कम करता है। लेकिन वर्तमान परिदृश्य में यह रेल सेवा एक्सप्रेस रेल सेवा के नाम पर सीमा क्षेत्रों के लिए लॉलीपॉप से ज्यादा कुछ नहीं है। क्योंकि समय की अधिकता होने के चलते चंपावत पिथौरागढ़ जनपदों के लोग इस रेल सेवा का शायद ही उपयोग टनकपुर से दिल्ली जाने को करें।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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