मातृ भाषा के महत्व को समझ अपने प्रयासों से आगे बड़ाने की करे पहल,अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर बोले भाषाई आंदोलन के अग्रदूत रहे रवींद्र सिंह धामी

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खटीमा(उधम सिंह नगर)- अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर भाषाई आंदोलन के अग्रदूत रहे वरिष्ट पत्रकार रवींद्र सिंह धामी ने अपनों के बीच कुछ अपनी बात को सामने रखा।
सर्वप्रथम धामी ने भारतीय संस्कृति की वाहक भारतीय मातृभाषा के सभी अपनों को विश्व मातृभाषा दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं दी।

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धामी ने कहा की आज के दिन मन के एक कोने में यह भी विचार जरूरी कि हम स्वयं भी अपनी मातृभाषा के महत्व को अपने अपने तरीके से आगे बढ़ाने के लिए सोचें ही नहीं पहल करें… यह कटु सत्य है कि एक मातृभाषा के खत्म होने के साथ एक इतिहास कागजों में दर्ज हो जाता है। उसके बोलने वाले अपनी जड़ों से टूट जाते हैं। यह साजिशें हर युग मे होती हैं आज भी इसका उदाहरण अफगानिस्तान है जहां अब कितनी भाषाओं को बोलने वाले इतिहास बन गए।

आइए अपनी संस्कृति के लिए आगे आएं और अंग्रेजी अंग्रेजियत के षड्यंत्र को खत्म करने के लिए आज के दिन संकल्प लें..आने वाली हमारी नई पीढ़ी को विश्वगुरू भारतीय संस्कृति के भारत की विरासत देने का कर्तव्य निभाएं..हर स्तर पर अपनी मातृभाषा का प्रयोग कर अपनी संस्कृति को अक्षुण्ण बनाएं।

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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