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चंपावत(उत्तराखंड)- ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (रीप) के सहयोग से परियोजना क्षेत्रांतर्गत अत्यंत गरीब महिलाओं को जो फेडरेशन के सदस्य हैं, उन्हें दुधारू गाय, भैंस, मुर्गी पालन, बकरी पालन, सब्जी उत्पादन आदि कार्यों के लिए फेडरेशन के माध्यम से चयनित ऐसी 41 महिलाओं को 14 लाख 35 हजार रुपए बगैर ब्याज के दिए गए। प्रत्येक महिला को 35-35 हजार रुपए दिए गए। इस धनराशि से वे स्वयं को रोजगार से जोड़ने के साथ फेडरेशन को भी सशक्त बनाएंगी।
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रीप के परियोजना सहायक प्रबंधक प्रकाश पाठक के अनुसार इस प्रकार चयनित 350 महिलाओं को और लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्यक्रम से समाज की विधवा, गरीब, परित्यक्ता आदि महिलाओं के लिए रीप एक बड़ा सहारा बन रही है।
उधर परियोजना के मैनेजर इंस्टिट्यूशन एंड सोशल इंक्लूजन (एमआईएसआई) रईस अहमद द्वारा परियोजना से जुड़े कर्मियों एवं लाभार्थियों की संयुक्त बैठक में कार्यक्रम की समीक्षा की गई। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परियोजना द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप समाज के कमजोर वर्ग को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में पूरी पारदर्शिता एवं विश्वास के साथ कार्य किया जाए।
बैठक में शेयर मैचिंग ग्रांट, बिजनेस प्लान तथा दस्तावेजीकरण पर भी विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर रीप के जिला परियोजना प्रबंधक शुभांकर झा, सहायक प्रबंधक पीसी पाठक, सहायक प्रबंधक आजीविका सुमित कुमार, रीप के ब्लॉक व सीएलएफ स्टाफ मौजूद थे। बाद में एमआईएसआई अहमद द्वारा परियोजना के कार्यो का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यों पर संतोष व्यक्त किया गया।
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