भारत के वैज्ञानिकों ने रचा विश्व में इतिहास,चंद्रयान 3 की सफलता पूर्वक चंद्रमा की सतह पर हुई सॉफ्ट लैंडिंग,दक्षिणी ध्रुव में लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बना

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

नई दिल्ली – भारत के वैज्ञानिकों ने विश्वभर में बुधवार को इतिहास रच डाला।पूरी दुनिया को भारत का लोहा मानने को मजबूर होना पड़ा।भारत के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 3 सफलतापूर्व चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कर गया।चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में लैंडिंग करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन गया है।

बता दे कि हमारा चंद्रयान 3 ने बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की साथ पर सफल लैंडिंग करने के बाद विश्व में भारत पहला देश बन गया है।इससे पहले चांद पर जितने भी मिशन भेजे गए उनमें से किसी का भी मिशन चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव नही था। वहीं भारत चांद की धरती पर जाने वाला विश्व का चौथा देश बन गया है।

बता दे कि इसरो(Indian Space Research Organisation)के साढ़े 16 हजार वैज्ञानिक 4 वर्षो से इस मिशन पर जुटे हुए थे।चंद्रयान 3 को चांद दक्षिणी ध्रुव में सफलतापूर्वक लैंड होने के बाद इसरो के वैज्ञानिक खुशी से झूम उठे इतना ही नही उनकी इस सफल मेहनत से पूरा देश खुशी से झूम उठा विश्व में जहां जहां भी भारतीय बसे है सभी में खुशी की लहर दौड़ गई।हमारे वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि से पूरा देश गौरांवित है।

यह भी पढ़ें 👉  नानकमत्ता: श्री गुरु नानक देव स्नातकोत्तर महाविद्यालय नानकमत्ता साहिब में राष्ट्रीय सेवा योजना के शिविर केएनएसएस स्वयंसेवियों ने सड़क सुरक्षा व साइबर क्राइम सुरक्षा को लेकर जागरूकता रैली निकाल आमजन को किया जागरूक

बता दे कि चांद पर भारत का यह तीसरा मिशन था।इससे पहले चांद पर दो मिशन भेजे जा चुके है।वर्ष 2019 मिशन चंद्रयान 2 को चांद भेजा गया था।परंतु कुछ तकनीकी खराबी की वजह से सफलता हाथ लगते लगते रह गई थी। परन्तु इस बार उन गलतियों को सुधारा गया और हमारे वैज्ञानिकों ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि इस बार कोई चूक नहीं होगी। इसके बावजूद अंतिम के 15-20 मिनट के दौरान सबकी धड़कनें थम सी गई थीं। इस दौरान लैंडर की स्पीड को ऑटोफीड के आधार पर नियंत्रित किया गया।जिसके बाद चंद्रयान 3 चांद की सतह पर सफल लैंडिंग कर गया।गौर करने वाली बात यह है कि चंद्रमा की दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र विषम परिस्थितियों वाला माना जाता है।यहां का तापमान भी काफी कम रहता है।चांद के इस क्षेत्र में भारत के अलावा किसी भी देश ने इस पर मिशन भेजे जाने के विषय में सोचा नही था।

यह भी पढ़ें 👉  राजकीय महाविद्यालय अमोड़ी में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना कार्यक्रम के तहत 33 छात्राओं सीसीसी कोर्स सफलता पूर्वक हुआ संपन्न,प्राचार्य ने के0आई0टी0एम0 के प्रबन्ध निदेशक कमल सिंह बिष्ट के विशेष सहयोग की प्रशंसा की
Ad Ad Ad

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles