खटीमा(उत्तराखंड)- डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और साइबर सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देने के एक सहयोगात्मक प्रयास में, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंड कॉमर्स ने डिजिटल भुगतान प्रौद्योगिकियों पर एक ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित करने के लिए उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान केंद्र (यूएसईआरसी) के साथ साझेदारी की। यह आयोजन 16 मई गुरुवार 2024 को KITM ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के परिसर में आयोजित हुआ।
आयोजित सेमिनार में कॉलेज के विभिन्न विभागों के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया जिसमें कि बीएससी आईटी, बीसीए, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, बैंकिंग एंड फाइनेंस मैनेजमेंट विभाग शामिल रहे।इस पहल का नेतृत्व अतिथियों के एक प्रतिष्ठित पैनल ने किया, जिसमें डॉ. मंजरी अग्रवाल (एसोसिएट प्रोफेसर ऑफ़ मैनेजमेंट); डॉ. अनुराग भट्ट (सहायक निदेशक-आईटी); डॉ. प्रिया महाजन, (असिस्टेंट प्रोफेसर ऑफ़ कॉमर्स) और सुश्री कृष्णा, (अनुसंधान अधिकारी) रहे। उनकी सामूहिक विशेषज्ञता का उद्देश्य डिजिटल लेनदेन और साइबर सुरक्षा उपायों के क्षेत्र में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करना रहा।सत्र एक इंटरैक्टिव प्रवचन के रूप में सामने आया, जिसमें KITM ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के छात्रों को डिजिटल भुगतान,प्रौद्योगिकियों की बारीकियों और डिजिटल संपत्तियों की सुरक्षा के महत्व पर चर्चा को महत्वपूर्ण रूप से शामिल किया गया। साइबर सुरक्षा के महत्व पर जोर देते हुए, वक्ताओं ने ऑनलाइन लेनदेन से जुड़े संभावित जोखिमों और उन्हें प्रभावी ढंग से कम करने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।
सत्र के समापन पर छात्रों को विषय वस्तु की उनकी समझ को मापने के लिए डिज़ाइन की गई एक प्रश्नावली प्रदान की गई, जिसका उद्देश्य चर्चा किए गए विषयों की व्यापक समझ में सुविधाजनक व फीडबैक के लिए किया गया।
इस कार्यक्रम में KITM ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के प्रबंधन निदेशक कमल सिंह बिष्ट, निदेशक श्रीमती ज्योति बिष्ट ने शिरकत की। इसके अतिरिक्त सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष, केशव भट्ट, संकाय सदस्यों के साथ हिमांशु भट्ट शामिल थे। दीपक भट्ट, पायल जोशी, मनीष सती, सुनील सिंह बुंगला, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन विभागाध्यक्ष, डॉ. विवेक कुमार सक्सेना शामिल रहे।
इस अवसर पर KITM ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के प्रबंधन निदेशक कमल सिंह बिष्ट ने कहा की उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय और यूएसईआरसी के बीच यह सहयोगात्मक प्रयास डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने और विद्यार्थीयों को आत्मविश्वास के साथ डिजिटल परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए सशक्त बनाने की दिशा में एक सक्रिय दृष्टिकोण का उदाहरण देता है। इस तरह की पहल युवाओं को तेजी से डिजिटल होती दुनिया में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक ज्ञान और कौशल से लैस करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।फिलहाल इस आयोजन का छात्र छात्राओं को बेहतर लाभ मिला है।