तीलू रौतेली व राष्ट्रपति पुरुस्कार विजेता आंगनबाड़ी कार्यकर्ती जानकी चंद के हौसले ने फिर दी निर्धन बच्चो के चेहरे में मुस्कान,आप भी पढे खबर व जानकी के जज्बे को करे अपना सैल्यूट

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बनबसा(चम्पावत)- तीलू रौतेली व आंगनबाड़ी हेतु राष्ट्रपति पुरस्कार से नवाजी जा चुकी बनबसा की आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री जानकी चंद ने एक बार फिर अपने मजबूत इरादों को साबित किया है।जानकी ने बनबसा के अम्बेडकर विहार क्षेत्र में खुले आसमान के नीचे आंगनबाड़ी में पढ़ रहे निर्धन बच्चों के लिए लम्बी जद्दोजहत व प्रयासों के बाद बच्चो के आंगनबाड़ी को छत मुहैया कराने का सराहनीय कार्य किया है।कुछ समय पहले पुराने आंगनबाड़ी केंद्र से कुछ लोगो द्वारा बेदखल किए जाने के बाद स्थानीय प्रयासों से जानकी ने टीन सेट पर आंगनबाड़ी शुरू कर निर्धन बच्चो के चेहरे में मुस्कान देने का काम किया है।जानकी को उनके प्रयासों के लिए अब हर किसी से सराहना मिल रही है।

आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री जानकी के प्रयासों से बने नए आंगनबाड़ी केंद्र का उद्घाटन

किसी ने सच ही कहा है कि निर्धन व निशक्त जनों के लिए आपके दिल में कुछ करने का अगर जज्बा हो तो जमाने की लाख दुश्वारियां भी आपके इरादों को नहीं तोड़ सकती हैं। समाज के निर्धन बच्चों के शैक्षिक उत्थान व महिला सशक्तिकरण को लेकर अपने जीवन को समर्पित कर चुकी बनबसा की दिव्यांग आगनबाड़ी कार्यकर्ती जानकी चंद में एक बार फिर समाज के सामने बड़ी मिसाल पेश की है। जानकी चंद ने दिव्यांग होने के बावजूद भी बनबसा के निर्धन व निष्क्तजनो की बस्ती में खुले आसमान के नीचे आंगनवाड़ी सेंटरों में पढ़ रहे बच्चों के लिए अपने प्रयासों से एक आगनबाडी सेंटर की स्थापना की है।

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आंगनबाड़ी केंद्र के निर्माण से पहले खुले आसमान के नीचे निर्धन बच्चो को पढ़ाती जानकी चंद

टीनसेट में खोले गए इस आंगनवाड़ी सेंटर को बनाने के लिए हालांकि आगनबाड़ी कार्यकर्ती जानकी चंद को बेहद पापड़ बेलने पड़े लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अपने ना हारने के जज्बे के लिए जानी जाने वाली जानकी ने बनबसा अंबेडकर विहार बस्ती में कीचड़ से भरे गड्ढे को पाट कर जहां आंगनवाड़ी सेंटर के लिए स्थान बनाया वहीं कुछ समय तक खुले आसमान के नीचे बच्चों को आंगनवाड़ी सेंटरों में पढ़ा कर अपने कर्तव्य का भी निर्वहन किया।जानकी बच्चो को धूप से बचाने हेतु कपड़े की चादरों को बांध कर बच्चों को आंगनबाड़ी में पढ़ाया करती थी। सोशल मीडिया में जानकी के गरीब बच्चों के लिए किए जा रहे प्रयास व जज्बे को देखकर बनबसा के समाजसेवी आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष दीपक जोशी उर्फ शक्ति ने बस्ती के आंगनवाड़ी सेंटर के लिए टीन की चादरों से चारदीवारी व पक्का फर्श बना अस्थाई आंगनबाड़ी का निर्माण करा दिया। जानकी के जज्बे के बाद स्थानीय सहयोग से अस्थाई आंगनबाड़ी सेंटर को पाकर उस में पढ़ने वाले निर्धन वर्ग के बच्चे आज बेहद खुश हैं वही निर्धन बच्चों के आंगनबाड़ी को छत मिलने पर जानकी की भी आंखें नम हो गई है।जानकी निर्धन बच्चों के शैक्षिक उत्थान व महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर अपने जीवन को समर्पित करने की भी बात कह रही हैं।साथ उनके इस प्रयास को सफल करने में एसडीएम टनकपुर हिमांशु कफलटिया व समाजसेवी दीपक जोशी की मदद पर उन्हें धन्यवाद अदा कर रही है।

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निर्धन बच्चो के लिए जानकी के प्रयासों से बनकर तैयार नया आंगनबाड़ी केंद्र

जबकि निर्धन बच्चो की शिक्षा को लेकर जानकी द्वारा किये जा रहे प्रयासों को देख आंगनबाड़ी निर्माण को लेकर आगे आकर मदद करने वाले स्थानीय समाज सेवी दीपक जोशी जानकी के प्रयासों की जमकर सराहना कर रहे हैं। साथ ही इस बात को भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण मान रहे हैं की तीलू रौतेली व आगनबाडी के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार जैसे सम्मानित पुरस्कार प्राप्त करने वाली बनबसा की एक बेटी को अपने आंगनबाड़ी निर्माण को लेकर दर-दर भटकना पड़ा।दीपक जोशी ने स्थानीय समाज से भी गुहार लगाई है कि सब लोग आगे आकर बनबसा की बेटी के नेक इरादों को मजबूत करने में अपनी मदद करे।इसके साथ ही स्थानीय निवासी जनक चंद वंडर भी जानकी के प्रयासों को बेहतर मानते हुए उन्हें मजबूत इरादों वाली लड़की बता रहे है।साथ ही निर्धन बच्चो की शिक्षा व महिला शशक्तिकरण के लिए जानकी द्वारा किये जा रहे प्रयासों को अनुकरणीय मान रहे है।

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पुराना आंगनबाड़ी केंद्र जिससे जानकी व बच्चो को कुछ लोगो द्वारा किया गया बाहर

वही हम आपको बता दे कि बनबसा के अम्बेडकर विहार बस्ती में पिछले 15 सालों से चल रहे आंगनबाड़ी सेंटर को कुछ लोगो द्वारा इस लिए खाली करवा दिया गया कि उस जमीन पर उनका कब्जा है।लेकिन अचानक रोड पर आए आंगनबाड़ी के दर्जनों निर्धन बच्चो के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री जानकी ने अपने अथक प्रयासों से जहां पहले जमीन ढूंढी उसके बाद स्थानीय युवा दीपक जोशी की मदद से आज वह आंगनबाड़ी में पड़ने वाले निर्धन बच्चो को छत देने का सपना सच कर पाई है।पिछले लंबे समय से निर्धन बच्चो की शिक्षा व महिला शशक्तिकरण के लिए कार्य कर रही दिव्यांग जानकी चंद को सरकार तीलू रौतेली व राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित कर चुकी है।वही एक बार फिर जानकी के जज्बे को हर कोई आज सलाम कर रहा है।

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Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 18 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

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