खटीमा(उत्तराखंड)- उत्तराखंड का सीमा जिला का जहां वनों से आच्छादित है, वही वन्यजीवों के आबादी भी क्षेत्रों में विचरण करने की घटनाएं भी आयरन सामने आती रहती हैं। खटीमा की यूपी सीमा के दाह ढांकी इलाके में एक बार फिर से टाइगर की विचरण से इलाके के लोग दहशत में है। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग टीम ने मौके पर पहुंचकर गश्त शुरू कर बाघ के मुवमेंट को ट्रेस करने को लेकर चार ट्रेप कैमरे लगाए है और निगरानी की जा रही है।
बुधवार की देर शाम बाघ ने यूपी सीमा में एक लावारिस पशु को अपना निवाला बना दिया। जिसके बाद बाघ यूपी से उत्तराखंड सीमा के अंतर्गत दाह ढाकी में आ गया। खेतों में काम कर रहे लोगों ने बाघ के आबादी क्षेत्र में आने से अफरा-तफरी मच गई। ग्रामणों ने आबादी क्षेत्र में बाघ के आने की सूचना वन विभाग को दी। सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और क्षेत्र में गश्त करते लगाए गए ट्रेप कैमरे की जांच की, लेकिन बाघ कहीं दिखाई नहीं दिया।गौर तलब है की खटीमा यूपी सीमा का इलाका पीलीभीत टाइगर रिजर्व से भी मिलता हुआ है जिस वजह से अक्सर टाइगर की मूवमेंट दाह ढांकी इलाके में बनी रहती है।
गुरूवार को वन क्षेत्राधिकारी महेश चंद्र जोशी के नेतृत्व में टीम दाह ढाकी पहुंची और बाघ के मुवमेंट को लेकर चार ट्रेप कैमरे और लगाए गए। रेंजर जोशी ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और खेतों में अकेले न जाने की अपील की। रेंजर जोशी ने बताया कि बाघ की मुवमेंट के लिए लगाए गए ट्रेप कैमरों की जांच की गई तो कैमरे में कुछ नहीं आया है। इस दौरान वन दरोगा धन सिंह, जागेश वर्मा, सामाजिक वानिकी पीलीभीत वन दरोगा सोनी सिंह, नबी अहमद, चेतन, मिथलेश आदि थे।