उत्तराखण्ड वनाधिकार कांग्रेस संयोजन समिति की हुई घोषणा,खटीमा के राम पांडे महामंत्री संगठन तो बनबसा के दीपक जोशी बने जिला संयोजक चम्पावत, देखे पूरी सूची,

ख़बर शेयर कर सपोर्ट करें

देहरादून(उत्तराखण्ड)- उत्तराखंडियों को वनों पर उनके पुश्तैनी हक-हकूक और अधिकारों के लिये संघर्षरत ‘उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस’ ने संगठन को मजबूत करने के लिये अपने संगठनात्मक ढाँचे की संरचना को स्वरूप देना शुरू कर दिया है।

वनाधिकार आन्दोलन के प्रणेता व उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने वनाधिकार कांग्रेस के संगठन को स्वरूप देने के लिए पूरे प्रदेश की वनाधिकार कांग्रेस संयोजन समिति की घोषणा कर दी है। इस अवसर पर किशोर उपाध्याय ने कहा कि राज्य को बने हुये 21 वाँ वर्ष लग गया है, लेकिन उत्तराखंडियों की स्थिति सुधरने के बजाय और खराब होती जा रही है और उसका सबसे बड़ा कारण हमारे जल, जंगल और जमीन पर हमारा अधिकार न होना है।

जंगल हमारे जीवन थे, वे हमसे छीन लिये गये, और क्षतिपूर्ति के रूप में हमें ठेंगा दिखा दिया गया। जंगलों पर आधारित समुदायों को जो सुविधायें दी जा रही हैं, वे हमें क्यों नहीं दी जा रही हैं, प्रदेश में चकराता जैसी व्यवस्था राज्य के अन्य भागों में भी दी जानी चाहिये थी।वनाधिकार क़ानून 2006 को राज्य में लागू नहीं किया जा रहा है, जिसमें अरण्य/गिरिजनों को जंगलों पर उनके सामुदायिक व व्यक्तिगत हक-हकूक देने की तजबीज की गयी है।

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अपने गृह क्षेत्र खटीमा के नगरा तराई बूथ पर किया मतदान,आमजन के साथ लाइन पर लग सपरिवार किया मताधिकार का प्रयोग,

वनाधिकार कांग्रेस मुफ़्त में राज्यवासियों को कुछ नहीं चाहती है, अपितु अपने हक-हकूकों के एवज में क्षतिपूर्ति व हक चाहती है और इसी से उत्तराखंड बचेगा भी और बसेगा भी।वनाधिकार कांग्रेस निम्न 9 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर अस्तिव में आई है।यह वह मांगे है जिनका हक उत्तराखण्ड के जन मानस को मिलना चाहिए।

  1. हमें क्षतिपूर्ति के रूप में केंद्र सरकार की सेवाओं में आरक्षण दिया जाय।
  2. परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाय।
  3. प्रतिमाह एक गैस सिलेंडर, बिजली-पानी निशुल्क दिया जाय।
  4. जड़ी-बूटियों पर स्थानीय समुदाय का अधिकार हो।
  5. शिक्षा व स्वास्थ्य सेवायें निशुल्क हों।
  6. एक यूनिट आवास बनाने हेतु लकड़ी, बजरी व पत्थर निशुल्क दिया जाय।
  7. जंगली जानवरों द्वारा जनहानि पर 25 लाख रू० क्षतिपूर्ति व परिवार के एक सदस्य को पक्की सरकारी नौकरी दी जाय।
  8. जंगली जानवरों द्वारा फसल के नुकसान पर प्रतिनाली रु 5000/- क्षतिपूर्ति दी जाय।
  9. राज्य में अविलम्ब चकबंदी की जाय। प्राधिकरण गरीब उत्तराखंडियों का शोषण कर रहे हैं, उन्हें समाप्त किया जाय। किशोर उपाध्याय ने कहा कि वनाधिकार कांग्रेस के ढाँचे व मुद्दों को हर घर तक ले जाने के लिये आज प्रदेश संयोजन समिति एवं कुछ जिला संयोजन समिति की घोषणा की जा रही है जिसकी सूची निम्नवत है…
यह भी पढ़ें 👉  चंपावत: गुमदेश क्षेत्र का प्रसिद्ध तीन दिवसीय चैतोला मेला हुआ शुरू,प्रथम दिन पारंपरिक पोशाक में जत्थौं में आए गांव के लोगों ने बारी-बारी से सिंहासन डोले को पहुंचाया मडगांव

उत्तराखंड वनाधिकार कांग्रेस की प्रदेश संयोजन समिति की घोषणा

01: श्री राजेन्द्र सिंह भंडारी
02: श्री प्रेम बहुखंड़ी
03: श्री दीपक बलुटिया
04: श्री हुकम सिंह कुंवर
05: श्री पुष्कर दुर्गापाल
06: श्री राजेन्द्र सगोई
07: श्री अर्जुन गहरवार
08: श्री राजेन्द्र प्रसाद रतूडी
09: श्री केदार पलड़िया
10: श्री आनंद उपाध्याय
11: श्री अंशुल श्रीकुंज
12: श्री जगपाल सिंह सैनी
13: श्री सुरेंद्र रांगड़
14: श्री राकेश सिंह नेगी
15: श्री बीना जोशी

यह भी पढ़ें 👉  मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने अपने गृह क्षेत्र खटीमा के नगरा तराई बूथ पर किया मतदान,आमजन के साथ लाइन पर लग सपरिवार किया मताधिकार का प्रयोग,

01: श्री राम पांडेय, महामंत्री (संगठन)

जिला संयोजक की घोषणा

01: श्री अमित नेगी, कोटद्वार
02: श्री विनोद कार्की, पिथौरागढ़
03: श्री सुरेश गौरी, यू.एस.नगर
04: श्री दीपक जोशी, चंपावत
05: श्री मनोज खुल्बे, नैनीताल

Deepak Fulera

देवभूमि उत्तराखण्ड में आप विगत 15 वर्षों से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पत्रकार के रूप में कार्यरत हैं। आप अपनी पत्रकारिता में बेबाकी के लिए जाने जाते हैं। सोशल प्लेटफॉर्म में जनमुद्दों पर बेबाक टिपण्णी व सक्रीयता आपकी पहचान है। मिशन पत्रकारिता आपका सर्वदा उद्देश्य रहा है।

Related Articles