टनकपुर(चम्पावत)- उत्तराखंड में इन दिनों बरसात के चलते कई जगह दुर्घटनाओं के मामले सामने आ रहे हैं, कुछ दिनों पहले रामनगर बरसाती नाले में वाहन के बहने से जहां 9 लोगों की मौत का मामला सामने आया था। वही एक बार फिर चंपावत जिले के टनकपुर की किरोड़ा बरसाती नाले में स्कूल बस बह गई। गनीमत यह रही उस वक्त बस में केवल चालक व हेल्पर ही मौजूद थे। स्कूल बस मंगलवार की सुबह टनकपुर पूर्णागिरी रोड में स्कूली बच्चों को लेने जा रहे थे। जिस दौरान बरसाती किरोड़ा नाले को पार करने के दौरान यह हादसा हो गया। बरसाती नाले में बस के पलटने से बस में मौजूद चालक व हेल्पर बस का फ्रंट शीशा टूटने की वजह से जहां बाहर निकले। वही स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया। लेकिन बस में अगर स्कूली बच्चे होते तो बड़ा हादसा सामने आ सकता था।
गौरतलब है कि पहाड़ी क्षेत्र में बीती रात से हो रही बारिश के चलते किरोड़ा नाला उफान पर था। जिस उफनते नाले को स्कूल बस चालक को पार करना महंगा पड़ गया। वही स्कूल बस के किरोडा़ बरसाती नाले में बहने की सूचना पर स्थानीय प्रशासन जहां मौके पर पहुंचे उन जेसीबी की मदद से स्कूल बस को बाहर निकाला जा रहा है।
दुर्घटनाग्रस्त स्कूल बस स्थानीय एमडीएम स्कूल की बताई जा रही है। मालूम हो कि क्षेत्र के लोग किरोड़ा नाले में पुल बनाए जाने की मांग लंबे समय से करते आ रहे हैं, लेकिन राजनीतिक उदासीनता के चलते इस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। जिससे हर साल बरसात में पूर्णागिरि रोड के ग्रामीणों को खासी दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। किरोड़ा बरसाती नाले में पूर्व में भी बरसात के समय वाहन बहने की कई दुर्घटनाएं हो चुकी है।साथ ही यह बरसाती नाला उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थ मां पूर्णागिरि धाम को जाने वाले सड़क मार्ग से होकर गुजरता है। जिस रपटे में बरसात के समय हर वर्ष दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।